नई दिल्ली।। टैक्स डिपार्टमेंट ने देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो से लगभग 816 करोड़ रुपए का टैक्स मांगा है।
टैक्स डिपार्टमेंट इसके पहले इन्फोसिस, डब्ल्यूएनएस और आईगेट को नोटिस भेज चुका है। कंपनी ने कहा है कि उसको टैक्स अधिकारियों से 2008-09 के लिए ड्राफ्ट एसेसमेंट ऑर्डर मिला है। दरअसल, कंपनी को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10 ए के तहत डिडक्शन की इजाजत नहीं दी गई थी।
कंपनी ने यह डिडक्शन बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क (एसटीपी) में अपनी अंडरटेकिंग से होने वाले प्रॉफिट पर मांगा था।