घर की दीवारों पर आपने छिपकली को जरूर देखा होगा। कभी कभी यह अचानक दीवार से गिर भी जाती है। संयोगवश अगर यह आपके शरीर पर गिर जाए तो कई तरह की आशंकाएं मन में उठने लगती है। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि छिपकली अगर शरीर पर गिर जाए तो तुरंत स्नान कर लेना चाहिए अन्यथा अनहोनी घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
बड़े-बुजुर्गों का ऐसा कहना उचित भी है क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह साबित होता है कि छिपकली का शरीर पर गिरना खतरनाक है। इससे रोग की संभावना रहती है। इसका कारण यह है कि छिपकली ‘कार्डेटा समूह’ के ‘फाइलम’ वर्ग की जीव है। इस वर्ग के कुछ जीव अपने शरीर में बने जहर (यूरिक एसिड) को अपनी चमड़ी पर जमा कर लेते हैं। इस वजह से यह सुरक्षित भी रहते हैं।
जब कभी छिपकली किसी के शरीर पर गिरती है तो अपने शरीर का जहर उसकी त्वचा पर छोड़ देती है। यह जहर बाद में रोम छिद्रों से शरीर के भीतर जाकर घाव का रूप ले लेता है। इसीलिए कहा जाता है कि शरीर पर छिपकली गिरे तो स्नान कर लेना चाहिए। इस संदर्भ में कई जगह पूजा का भी विधान है।
पूजा में तुलसी के पत्ते का होना अनिवार्य है। इसका कारण ये है कि तुलसी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। प्रसाद के तौर पर तुलसी ग्रहण करने पर घाव होने की आशंका काफी कम हो जाती है।