(खुसुर-फुसुर )– हम आपको इस चुनावी बेला में बहुत सी ऐसी फुसफुसाती ख़बरें या सच्चाई बताएंगे जो बंद कमरों में घटने के कारण आप तक नहीं पहुंचतीं।यह खुसुर-फुसुर कालम पुनः शुरू हो गया है तो बात करते हैं मप्र के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जब उन पर केंद्रीय नेतृत्व की वक्र दृष्टि पड़ी तब उन्हें निबटाने में उनकी पार्टी का संगठन ही पड़ गया,भितरवार से टिकट चाह रहे एक पैराशूट नेता जी ने अपने मुखिया को मनाने गोटियां सेट कीं और प्रेस-कांफ्रेंस में शिवराज सिंह का चेहरा मुख्यमंत्री का रहेगा या नहीं प्रश्न पुछवाये गए,प्रेस कांफ्रेंस में प्रश्न पूछने में उन लोगों को शामिल किया गया जिन्हें टारगेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी,चिन्हित अपने लोगों को संस्थानों में नियुक्तियां दिलवाई गयीं इसमें बागेश्वर-धाम वाले कथा वाचक की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही.
खैर यह तो होना ही था जब शिवराज ने अपने समकक्षों की राजनीति ख़त्म करने में जम कर खेल खेला तब मौक़ा मिलने पर ये क्यों चूकें ?