रक्षाबंधन के मौके पर भाई बहन बड़े ही उत्साह और स्नेह से राखी का त्योहार मनाते हैं। लेकिन एक गांव ऐसा है जहां सदियों से बहनें भाई को राखी बांधने के लिए तरस रही हैं, फिर भी भाईयों की कलाईयां सूनी हैं। इसका कारण यह है कि जब भी किसी ने भाई की कलाई में राखी बांधी है गांव में अपशकुन हुआ है, कई ग्रामीणों की मौत हुई हैं।
इस गांव का नाम है सुराना जो मुरादनगर तहसील के अंतर्गत आता है। मान्यता है कि मुहम्मद गोरी ने जब भारत पर आक्रमण किया तब पृथ्वीराज चौहान ने राजस्थान से आकर हिंडन नदी किनारे अपना डेरा डाला था। मुहम्मद गोरी को पृथ्वीराज के परिजनों के सुराना गांव में होने की सूचना मिली और वह सन् 1206 में रक्षाबंधन के दिन के दिन यहां हमला बोला और पृथ्वीराज चौहान के सभी परिजनों को मार डाला।
केवल सोहन राणा की गर्भवती पत्नी राजवती मायके में होने के कारण बच गई। बाद में राजवती ने अपने दो बेटों के साथ दोबारा गांव को बसाया। इस घटना के बाद से पीढी दर पीढी इस घटन का दर्द दिल में लिए लोग रक्षाबंधन के दिन राखी का त्योहार नहीं मनाते हैं। अगर किसी ने राखी का त्योहार मना लिया तो गांव में कई लोगों की मौत हो जाती है।
इस गांव के लोग भैया दूज का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। बहनें रक्षा बंधन के त्योहार की कमी को पूरा करने के लिए इस त्योहार को दो दिन तक मनाती हैं।