Rahul Gandhi Defamation Case – कांग्रेस नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को गुजरात में सूरत की जिला कोर्ट ने आपराधिक मानहानि (Criminal Defamation) केस में दोषी करार दिया है. ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने साल 2019 में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने प्रश्न पूछा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई थी और इस संबंध में उनके खिलाफ क्रिमिनल डिफमेशन केस दर्ज करवाया था. गुरुवार सुबह सूरत जिला कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है और उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है. जानते हैं यह पूरा मामला क्या है और राहुल गांधी के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई हो सकती है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मोदी सरनेम को लेकर यह बयान दिया था. यानी यह मामला 4 साल पुराना है. दरअसल 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह विवादित बयान दिया था. राहुल गांधी ने एक-एक करके नीरव मोदी (Neerav Modi), ललित मोदी (Lalit Modi) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नाम लेकर टिप्पणी की थी. राहुल गांधी ने कहा, ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर उस समय जमकर बवाल हुआ था. गुजरात भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने इस संबंध में राहुल गांधी के खिलाफ एक याचिका दाखिल की थी. आज उसी मामले में सुनवाई करते हुए सूरत की जिला कोर्ट ने कांग्रेस नेता को दोषी करार दिया है. हालांकि, कोर्ट ने 17 मार्च को ही इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
कोर्ट ने राहुल गांधी को क्रिमिनल डिफमेशन मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा का ऐलान किया है. अदालत ने राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 और धारा 500 के तहत दोषी करार दिया. धारा 499 ऐसे अपराधों के लिए लगाई जाती है, जिसमें आरोपी पर किसी व्यक्ति के रेपुटेशन को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है. कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 500 के तहत सजा सुनाई है. जिसमें जज आरोपी को मानहानि मामले में दो साल तक की साधारण सजा सुना सकते हैं और फाइन लगाने का निर्णय भी जज का ही होता है. सूरत की कोर्ट ने भी राहुल गांधी को 2 साल की ही साधारण सजा सुनाई है.
राहुल गांधी को जिन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है और 2 साल की सजा मिली है, वह जमानती धाराएं हैं. राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद जमानत भी मिल गई. उन्हें हायर कोर्ट में अपील करने के लिए भी एक महीने का समय दिया गया है. अब राहुल गांधी के पास एक ही रास्ता है कि वह हायर कोर्ट में अपील करके अपने को निर्दोष शाबित करें और अपनी 2 साल की सजा को भी खत्म करवाएं.
राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद हैं. ऐसे में एक प्रश्न यह भी है कि क्या दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खतरे में है? ये प्रश्न इसलिए क्योंकि, इससे पहले दोषी पाए जाने और दो साल या इससे अधिक की सजा मिलने के बाद कई विधायकों, सांसदों की सदस्यता खत्म की जा चुकी है. समाजवादी पार्टी नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला खान (Abdullah Khan) को 2-2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी. इस संबंध में भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी सदस्यता के संबंध में लोकसभा के स्पीकर फैसला लेंगे.