वाराणसी। तल्ख धूप, उमस और चारों ओर उड़ता गर्द गुबार। कुछ ऐसे माहौल में सकुचाते हर एक से नजरें बचाते सावन मंगलवार को काशी में, उसकी विख्यात गलियों में प्रवेश कर गया।
बाबा को अतिशय प्रिय मास को भक्तों ने महसूस कर तन मन सावन सावन हो गया। श्रद्धालुओं ने बाबा को जल-बिल्व पत्र और मिष्ठान, फल चढ़ाकर अगवानी की। केशरिया वस्त्र धारी कांवरिए, बोल बम की गूंज तो भक्तों से शिवालय भर आए। काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य शिवालयों में हाजिरी लगाई। विधि-विधान से आराध्यदेव का पूजन कर श्रद्धा दिखाई।
स्थानीयजन तो आसपास के जिलों और अलग-अलग प्रांतों से आए भक्तों ने भी मुंह अंधेरे ही गंगा में डुबकी लगायी। जल, बिल्व पत्र व पुष्प से कलश सजाया और देवाधिदेव का अभिषेक कर अघाया। बाहरी जिलों या प्रांतों से आए श्रद्धालुओं में ऐसे भी थे जो एक दिन पहले गुरु दर्शन को आए थे, पुण्य माह में शिव के चरण पखारने का सुख अकवार में भरा। बीएचयू परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर, महामृत्युंजय महादेव मंदिर, महाबीर मंदिर (अर्दली बाजार), शूलटंकेश्वर, जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, रामेश्वर महादेव, मार्कडेय महादेव कैथी, सारंगनाथ समेत अन्य मंदिरों में भी भक्त पहुंचे।
पहन केसरिया चोला, बम बम बोला
बाबा भोलेनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने शिवभक्त कांवरियों का जत्था स्टेशन से लगायत गंगा घाट व शिवालयों तक में दिखा। केशरिया चोला पहने और कंधे पर कांवर लिए भक्तों ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान कर यात्रा का संकल्प लिया। कलश में जल भरकर काशी विश्वनाथ दरबार पहुंचे। वेद मंत्रों के बीच बाबा का रुद्राभिषेक व जल से अभिषेक किया। साथ ही नौका विहार और मानस मंदिर क्षेत्र में मेले का आनंद लिया। इसमें कुछ बैजनाथ धाम से हो कर यहां आए तो कुछ वहां जाने की तैयारी में। बोल बम और हर हर महादेव का उद्घोष सावन के आ जाने का अहसास कराता रहा।