नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत करने के लिए एक दिन की निजी यात्रा पर जयपुर पहुंच गए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अशरफ आज करीब 40 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर पहुंचे। हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उनकी अगवानी की।
हवाई अड्डे पर कुछ देर रुकने के बार अशरफ जयपुर के एक पंचसितारा होटल के लिए रवाना हो गए। यहां पर विदेश मंत्री खुर्शीद की ओर से उनके लिए भोज का आयोजन किया गया है। इस भोज में राजस्थानी पकवानों पर खासी तवज्जो दी गई है।
अशरफ दोपहर का भोजन करने के बाद सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत करने के लिए अजमेर रवाना होंगे।
सूत्रों के अनुसार, अशरफ सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत करने के बाद पुन: जयपुर जाएंगे और वहां कुछ देर रुक कर पाकिस्तान रवाना हो जाएंगे।
उधर, पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल ही में भारतीय सैनिकों को मार डालने और उनका सिर कलम कर देने की घटना के विरोध में, स्थानीय वकील और अजमेर दरगाह मार्केट एसोसिएशन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।
एक दिन पहले ही अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान जैनुल आबदीन अली खान ने कहा था कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दौरे का बहिष्कार करेंगे।
दरगाह मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोधा टेकचंदानी ने कहा, ‘सुरक्षा संबंधी कारणों की वजह से अतिविशिष्ट हस्तियों के दौरे के समय बाजार बंद रहता है, लेकिन इस बार हम जिला प्रशासन द्वारा तय समय से पहले, अपनी मर्जी से दुकानें बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दौरे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए है। अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान जैनुल आबदीन अली खान ने शुक्रवार को कहा था कि वह पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों को मार डालने और उनका सिर कलम करने की हालिया घटना के विरोध में अशरफ के दौरे का बहिष्कार करेंगे।
अजमेर बार एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि राजेश टंडन ने कहा कि जिन सड़कों से अशरफ का काफिला गुजरेगा, उन सड़कों को काफिले के गुरजने के बाद पानी से धोया जाएगा क्योंकि उनके गुजरने से जमीन ‘अपवित्र’ हो जाएगी। उन्होंने कहा ‘विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अशरफ के लिए दोपहर भोज आयोजित कर रहे हैं, जो कि शर्मनाक है। उन्हें इस तरह उनका स्वागत नहीं करना चाहिए। यह भारतीयों और शहीदों के परिवारों की भावनाओं का अपमान है। खान ने कहा कि बहिष्कार पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों को मारे जाने के विरोध में है।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई और भारत के विरोध जताने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, ‘ऐसे समय पर जबकि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और वह भी पाकिस्तान के कारण तो यह आम राय है कि पाकिस्तान को भारत सरकार से, हमारी सेना से, शहीदों के परिजनों से और सभी नागरिकों से माफी मांगनी चाहिए तथा इसके बाद प्रधानमंत्री को जियारत के लिए आना चाहिए।
उन्होंने कहा, कोई माफी नहीं, कोई कार्रवाई नहीं .. तो हम यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की उपस्थिति को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? मैं देश के नागरिकों और शहीदों के परिजनों की इस मांग से सहमत हूं कि पाकिस्तान को शहीद भारतीय सैनिक का सिर पूरे सम्मान के साथ भारत सरकार के हवाले करना चाहिए और फिर वहां के शीर्ष प्रतिनिधि कोई दौरा करें।