वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा को चढ़ाया गया सोना-चांदी गलाया जाएगा। इसमें सोना लगभग एक किलोग्राम व चांदी एक क्विंटल तक होगी। चांदी गलाने के बाद कोषागार में रखा जाएगा और सोना स्टेट बैंक में जमा कराया जाएगा। मंडलायुक्त सभागार में मंगलवार को कार्यपालक समिति की बैठक में इसके लिए कमेटी की घोषणा कर दी गई।
इसमें मंदिर न्यास बोर्ड के ट्रस्टी डॉ. चंद्रमौलि उपाध्याय, मंदिर के आचार्य प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी, मुख्य कोषाधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अपर कार्यपालक अधिकारी शामिल किए गए हैं। इससे पूर्व दो वर्ष पहले चढ़ावे का सोना चांदी गलाया गया था। गलाया गया सोना स्टेट बैंक में जमा कराया गया था और चांदी कोषागार में रखी गई है। बैठक में तय किया गया कि रोजाना के चढ़ावा व भोग के मूल्यांकन के लिए किसी व्यक्ति को अधिकृत किया जाएगा। इसके अलावा रुद्राभिषेक आदि में पूजा सामग्री व दक्षिणा मद में लिए जाने वाले पूरे शुल्क की रसीद काटे जाने पर विचार किया गया। अब तक एक शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 101 रुपये की रसीद काटी जाती थी लेकिन 151 रुपये लिए जाते थे। तय किया गया कि मंगला आरती का टिकट काउंटर के साथ ही आनलाइन भी बुक किए जाएंगे। छत्ताद्वार समेत भीड़ वाले स्थानों पर दर्शनार्थियों को मोबाइल व सामान आदि जमा करने के लिए लॉकर की संख्या बढ़ाई जाएगी। मंदिर की ओर से भी लॉकर की व्यवस्था की जाएगी। निर्णय लिया गया कि विशेष पर्व के दौरान मंदिर में मिठाई के डिब्बे पर रोक पर रोक लगाई जाएगी। इसके लिए दोना व पिटारी के विकल्प खुले रखे जाएंगे। शुद्ध दूध के लिए पराग डेयरी के काउंटर भी बढ़ाए जाएंगे। छत्ता द्वार से रानी भवानी तक रास्ते में शेड लगाने पर विचार किया गया।
सदस्यों ने कहा कि इससे दर्शनार्थी शिखर देखने से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया। तय किया गया कि सफाई आदि कार्यो के लिए आउट सोर्सिग से सेवादार रखे जाएंगे। इसके अलावा पिछली बैठक की कार्यवृत्ति के अनुपालन का मूल्यांकन भी किया गया। अध्यक्षता कमिश्नर चंचल तिवारी ने की। ट्रस्टी डॉ. चंद्रमौलि उपाध्याय, मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीके उपाध्याय, अपर कार्यपालक पीएन द्विवेदी आदि उपस्थित थे।