विंध्याचल (मीरजापुर)। विंध्यवासिनी मंदिर के अधिग्रहण से संबंधित जो रिपोर्ट प्रशासन ने धर्मार्थ कार्य विभाग को भेजी थी, वह अब मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच चुकी है। इस बात की जानकारी मिलने पर पंडा समाज के लोगों की नींद उड़ गई है।
रविवार को हर किसी की जुबान पर बस अधिग्रहण की ही चर्चा थी। इस दौरान आंदोलन की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष राजन पाठक कहते हैं कि मंदिर अधिग्रहण का हर हाल में विरोध होगा। शीघ्र ही पारीवाल संघ की बैठक बुलाकर रणनीति तय की जाएगी। मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंदिर की व्यवस्था, श्रृंगार और दानपात्र का हिसाब किताब विंध्य विकास परिषद के पास ही रहता है। उसके अध्यक्ष डीएम हैं। परिषद की स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी। जिम्मेदार लोगों ने अब तक लाखों की हेराफेरी की है। नगर मजिस्ट्रेट दयाशंकर पांडेय की जांच रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी किया गया है। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी प्रशासन द्वारा की जा रही है। उस पर पर्दा डालने के लिए गलत रिपोर्ट भेजकर पंडों की रोजी-रोटी छीनने का प्रयास हो रहा है।