उज्जैन। परम्परा के मुताबिक, गुरुवार को वसंत पंचमी का पर्व देश में सबसे पहले उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के आंगन में मनाया गया। इस दौरान धर्मधानी उज्जैन में वासंती उल्लास छा गया। यहां महाकालेश्वर मंदिर में तड़के 4:00 बजे भस्म आरती में भगवान महाकाल को पुजारियों ने सरसों के पीले फूल के रूप में वसंत अर्पित कर गुलाल चढ़ाया। इस दौरान भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया।
गुरुवार को देश 74वां गणतंत्र दिवस भी मना रहा है, इसलिए भगवान महाकाल के श्रृंगार में तिरंगे के रंग भी शामिल किए गए। इसके साथ ही वसंत पंचमी के मौके पर भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में बच्चों का विद्यारंभ संस्कार कराया गया। अबूझ मुहूर्त में शहर में अनेक स्थानों पर सामूहिक विवाह के आयोजन भी हो रहे हैं।
पंडित महेश पुजारी ने बताया भगवान महाकाल उज्जैन के राजा हैं, इसलिए सबसे पहले मंदिर में त्यौहार मनाए जाते हैं। यहां देश में सबसे पहले सभी त्यौहार मनाने की परम्परा वर्षों से चली आ रही है। इसी परम्परा के अनुसार, वसंत पंचमी का पर्व भी तड़के 4:00 बजे भस्मा आरती में मनाया गया। भगवान को केसर युक्त जल से स्नान कराया गयाl पश्चात सरसों के पीले फूल के रूप में वसंत अर्पित किया गया। साथ ही भगवान को केसरिया पकवानों का भोग लगाकर आरती की गई। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में वसंत पंचमी पर बच्चों का पाटी पूजन के साथ विद्यारंभ संस्कार हुआ ।
इसके अलावा, शहर के पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में वसंत पंचमी से 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत हुई। आप प्रतिदिन राजभोग आरती में ठाकुर जी को गुलाल अर्पित किया जाएगा। भक्त भी अबीर गुलाल से होली खेलकर ठाकुर जी के रंग में रंगेंगे।