सोचिये बाबा रामदेव ने व्यवसाय करने के फेर में कितनी इंसानी जिंदगियों से खिलवाड़ किया,बाबा रामदेव ने योगासनों से शुरू कर आने वाले धन को व्यवसाय में लगाया तथा सामग्री की जगह जहर परोसा,भारत की भोली-जनता भरोसा कर अपने सेहत इस धोखेबाज और धूर्त के हाथों सौंपती रही,आध्यात्मिक संत का चोला ओढ़ बाबा रामदेव ने व्यवसाय किया और अमानक वस्तुएं जनता को बेचीं एवं जनता की जिंदगी से खिलवाड़ किया,बाजार में पहले से ही बाबा रामदेव के उत्पादों पर संदेह किया जाता रहा है लेकिन जांच एवं सच्चाई अब सामने आयी है,रामदेव की सत्ता से नजदीकी एवं पोषण उन्हें उनकी कारगुजारियों से बचाता रहा है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से लगी फटकार के बाद बाबा रामदेव को हाल ही में उनकी कंपनियों के 14 उत्पादों पर लगी रोक हटने से थोड़ी राहत मिली थी. लेकिन, अब फिर से पतंजलि के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोन पापड़ी के गुणवत्ता परीक्षण में फेल होने के बाद पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एक सहायक प्रबंधक (असिस्टेंट मैनेजर) सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुनाई है. इन तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है.
खाद्य सुरक्षा निरीक्षक ने 17 अक्टूबर 2019 को पिथौरागढ़ के बेरीनाग इलाके में स्थित लीला धर पाठक की दुकान का दौरा किया था, जहां ‘पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी’ को लेकर शिकायतें सामने आई थीं.
इस संबंध में सैंपल इकट्ठे किए गए और कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर के साथ ही पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद 18 मई, 2020 को रूद्रपुर के उधम सिंह नगर में राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में इन सैंपल की फोरेंसिक जांच की गई.
दिसंबर 2020 में प्रयोगशाला की एक रिपोर्ट में सोन पापड़ी के घटिया गुणवत्ता के होने की जानकारी मिली. इसके बाद दुकान मालिक लीला धर पाठक, डिस्ट्रीब्यूटर अजय जोशी और पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 59 के तहत तीनों आरोपियों को छह महीने जेल की सजा सुनाई है. साथ ही, लीलाधर पाठक पर 5 हजार, अजय जोशी पर 10 हजार और अभिषेक कुमार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.