भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन शुक्रवार सदन की कार्यवाही महू में आदिवासी लड़की की मौत के मुद्दे पर एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। इस मुद्दे को लेकर लगातार दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मृत युवती और युवक के परिजनों पर मामला दर्ज करने का विरोध किया। वे गृहमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इस दौरान सदन में कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ फूट-फूट कर रो पड़ीं और रोते हुए सदन से बाहर चली गईं।शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा एवं कांतिलाल भूरिया ने महू में आदिवासी लड़की की मौत का मामला फिर से उठा दिया। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पीड़िता के घरवालों पर ही FIR दर्ज की गई है, तो भूरिया ने कहा कि इस पूरे मामले में लड़की का कत्ल किया गया। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम शर्मा मिश्रा ने कहा कि “शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, रिपोर्ट में करंट लगने से लड़की की मौत की बात सामने आई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 13 से 17 व्यक्तियों पर एफआईआर की गई है, जिसमें उसके परिजन भी सम्मिलित हैं। पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यदि विपक्ष को इस मामले में हत्या की आशंका है तो आप साक्ष्य दें कि हत्या कैसे हुई”। उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
इस पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने फरियादियों को ही आरोपी बना दिया। भाजपा का यह कैसा इंसाफ है. वहीं आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ सदन में फूट-फूटकर रोने लगीं। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक घंटे (पूरे प्रश्नकाल तक) के लिए स्थगित की गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर सदन में उनका दर्द छलक पड़ा। युवती के स्वजनों से मिलकर आईं कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ की आंखों से आंसू छलक आए, वे इस मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर गर्भगृह में घुटनों पर बैठ गईं और कहने लगीं कि इस पर चर्चा की भीख मांगती हूं। इसके बाद वे आदिवासी और महिलाओं की बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर सदन से बाहर निकल गईं। साधौ ने कहा कि सरकार आदिवासियों और महिलाओं के साथ अन्याय कर रही है।गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लाशों पर राजनीति करना कांग्रेस का शगल है। आदिवासियों को लेकर कांग्रेस ढोंग कर रही है और आदिवासी इस ढोंग को जानते हैं। इसीलिए कांग्रेस रसातल में जा रही है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना चाहिए। विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने प्रति उत्तर में कहा कि आप लाश बिछाकर राजनीति करते हैं। आज अपनी रक्षा के लिए भीख मांगनी पड़ रही है।हंगामे के बीच हास परिहास भी हुआ। गृहमंत्री ने कहा कि पक्ष और विपक्ष के बीच मेरे वक्तव्य के बाद कार्यवाही सुचारू चलाने की बात हुई थी, वक्तव्य आने के बाद भी हंगामा करना ठीक नहीं है। हमारे दो मंत्री प्रश्न काल में उठने वाले प्रश्नों की तैयारी में पूरी रात नहीं सोए। सागर के हैं, लेकिन सागर की बजाय प्रश्नों में डूबे रहे। वहीं विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ध्यानाकर्षण पर चर्चा कराने की मांग करते रहे।
उन्होंने कहा कि हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं, जरूरी मुद्दे हैं इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए। सदन में लगातार हंगामा होता रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही सोमवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ”जिस लड़की की हत्या हुई या फिर सुसाइड किया, उसी पीड़ित परिवार के खिलाफ 307 का मामला दर्ज किया गया। युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर दिया, मृतक के परिजन कोई बयान नहीं दे पाए, इसलिए उनके ऊपर दबाव बनाने की कोशिश की गई है। स्पष्ट हो गया है कि फरियादी पर ही पुलिस ने एफआईआर की है”। कमलनाथ ने सवाल किया कि ”क्या इस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने इंसाफ किया है”। सीबीआई जांच की मांग को लेकर कमलनाथ ने कहा कोई भी जांच हो, नतीजा निकल कर आना चाहिए।