भोपाल – मप्र के पत्रकार 17 जून से शासन के एक तालिबानी आदेश के चलते मंत्रालय से ख़बरें एकत्र नहीं कर पा रहे हैं,
मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की अधीक्षण शाखा की ओर से जारी आदेश के अनुसार बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। मंत्रालय के कर्मचारियों के अलावा मध्यप्रदेश के केवल ऐसे अधिकारी/ कर्मचारी जो शासकीय कार्य से मंत्रालय आए हैं, उनके अलावा किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को प्रवेश नहीं देने के आदेश दिए गए हैं।
मंत्रालय परिसर में प्रवेश की अनुमति किन-किन लोगों को
आदेश में बताया गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय, विशेष सहायक, मंत्री गण तथा प्रमुख सचिव एवं उनसे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी अधिग्रहण पत्रक के धारक व्यक्ति को ही प्रवेश दिया जा सकता है। अन्य किसी भी आधार पर गैर सरकारी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
एक और सरकार ने जहां पूरी तरह अनब्लॉक कर दिया है और सभी तरह की गतिविधियां पूरी तरह संचालित करने की छूट दे दी है वहीं दूसरी ओर मंत्रालय में पत्रकारों को कोरोना के दम पर प्रवेश करने से रोका जा रहा है जबकि मंत्रालय में राजनीतिक कार्यकर्ता नेता एवं अन्य गतिविधियों में शामिल लोग मंत्रालय में धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं कोरना की आड़ में सरकार ने सभी तरह के अधिमान्य पत्रकारों को भी आम नागरिक मानते हुए प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है वहीं दूसरी ओर मंत्रालय में बाहरी लोगों की प्रवेश को लेकर लाइन लगी हुई है मजेदार बातें हैं कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 30 जून 2020 को मंत्रालय में प्रवेश संबंध में जो आदेश निकाला था उसमें सिर्फ बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी है इसी आदेश को और बनाते हुए मंत्रालय में सरकार द्वारा पत्रकारों को प्रवेश से रोका जा रहा है खास बात यह है कि सरकार की नियमित गतिविधियों एवं कार्यप्रणाली पर मंत्रालय को कवर करने कुछ पत्रकार नियमित मंत्रालय जाते हैं एवं कुछ कभी-कभी ,इनमें अधिकतर पत्रकार शासकीय अधिमान्यता प्राप्त हैं।
सत्ता धारी दल के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को आसानी से प्रवेश मिल जाता है , पत्रकारों से दूरी बनाने का बहाना बना लिया गया यह कानून
मंत्रालय के सुरक्षा अधिकारी दिलीप कुमार भटेले से बात करने पर उन्होंने बताया कि ,” इस आदेश के तहत बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है ,आप आदेश ठीक से पढ़िए आपको स्पष्ट हो जाएगा”, लेकिन ये महाशय सत्ता दल की चाटुकारिता में यह भूल गए की दिन भर भीड़ बाहरी लोगों की ही होती है ,पत्रकारों को छोड़.
कांग्रेस के कार्यकाल में भी ऐसा आदेश आया था ,भाजपा सदस्यता अभियान में सिंधिया ने किया था जिक्र
सिंधिया ने ग्वालियर में भाजपा के सदस्यता अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कमलनाथ कई मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आगे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पीएम ने कोविड19 से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन लगाया, लेकिन कमलनाथ ने इससे 15 महीने पहले ही मध्य प्रदेश के वल्लभ भवन में लॉकडाउन लगा दिया था, क्योंकि कांग्रेस शासन में वहां आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
जब कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा से बात की गयी तब उन्होंने बताया कि ,“दलालों का, व्यापारियों का प्रवेश चालू है ,प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ का प्रवेश बंद है शायद इसलिए कि लगातार आटा घोटाला ,चावल घोटाला ,गेंहू घोटाला,पौधारोपण घोटाला सामने आता जा रहा है,शायद इस कारण कोरोना की आड़ में मीडिया को रोका गया है ताकि घोटाले सामने न आ सकें”.
भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस पर कहा ,” कोरोना के चलते मंत्रालय में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश बंद है ,भाजपा सरकार का पत्रकारों को रोकने का कोई मंतव्य नहीं रहा है , इस सम्बन्ध में जिम्मेदार अधिकारी एवं सामान्य प्रशासन मंत्री इन्दर सिंह परमार जी समीक्षा कर आगे के निर्देश प्रदान करेंगे।
जब हमने सामान्य प्रशासन मंत्री इन्दर सिंह परमार से इस सम्बन्ध में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा,” उन्हें इसकी जानकारी नहीं है ,“आपका धन्यवाद इस जानकारी को संज्ञान में लाने को ,अभी मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए निकल चुका हूँ ,सोमवार को इस मसले पर बात करता हूँ.”
अनिल कुमार सिंह