हरिद्वार। गंगा में बांधों के विरोध व गंगा रक्षा के लिए एक बार फिर लोग सड़कों पर उतरेंगे। पांच से सात अप्रैल तक पूरे गढ़वाल मंडल में गंगा अविरलता चिंतन यात्रा होगी। मातृ सदन से शुरू होने वाली यह यात्रा देहरादून में संपन्न होगी, जहां से आंदोलन की आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।
गंगा पर बांध परियोजनाओं के प्रभावों के लिए गठित अंतर मंत्रालयी समूह की रिपोर्ट आने के बाद बांध विरोधी सक्त्रिय हो गए हैं। मातृसदन में पत्रकार वार्ता में गंगा आह्वान से जुड़े हेमंत ध्यानी ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालयी समूह की रिपोर्ट लगभग पूरी हो गई है। रिपोर्ट में गंगा की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक महत्व की मूल भावना के विपरीत केवल ऊर्जा आवश्यकता को देखा गया है। रिपोर्ट में सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय बातों को नजर अंदाज किया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के बाद आगामी योजना पर चिंतन के लिए तीन दिन तक चिंतन यात्रा निकाली जाएगी। केदारघाटी संघर्ष समिति से जुड़ी सुशीला भंडारी ने कहा कि पर्यावरण रक्षा के लिए आवाज उठाने पर लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। विभिन्न वर्गो से जुड़े प्रतिनिधियों को साथ लेकर यात्रा निकाली जाएगी। मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि पांच अप्रैल को यात्रा हरिद्वार में मातृ सदन से शुरू होगी। यात्रा टिहरी, कोटेश्वर, श्रीनगर, धारीदेवी, रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, जोशीमठ, विष्णुप्रयाग होते हुए सात अप्रैल को देहरादून में समाप्त होगी। समापन पर आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी। यात्रा में स्वामी शिवानंद भी शिरकत करेंगे। यात्रा में स्वामी ज्ञान स्वरूप सांनद (प्रो. जीडी अग्रवाल), स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के भी शामिल होने की उम्मीद है।