विज्ञान-बहुत से लोगों को सफर के दौरान उल्टी आती है. जिस वजह से वो घूमने नहीं जा पाते हैं. सफर के दौरान उल्टी और जी मिचलाने की समस्या के कारण आपके साथ ही दूसरे लोग भी परेशान होते हैं. आपने भी अपने आसपास कई लोगों को इस समस्या से जूझते हुए देखा होगा पर पता है कि यह क्यों होता है? सफर के दौरान उल्टी आना कोई बीमारी है या फिर आम बात है. दरअसल, अगर आपको भी ट्रैवल करते वक्त उल्टी होने और जी मचलने की समस्या होती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह कोई बीमारी नहीं बल्कि आम बात है.
सफर के दौरान उल्टी आने को मोशन सिकनेस (Motion Sickness) कहते हैं. यानी हलचल के कारण होने वाली समस्या. जिस कारण हमारे आंख, कान और त्वचा से दिमाग को अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं और सेंट्रल नर्वस सिस्टम कन्फ्यूज हो जाता है. जिस कारण हमें सफर के दौरान घबराहट और उल्टी होने लगती है. दरअसल, सफर के दौरान उल्टी में अहम रोल हमारी आंखों और मस्तिष्क का होता है जबकि हमें लगता है ऐसा पेट के कारण हो रहा है. अगर आप सफर के दौरान बाहर नहीं देखेंगे तो आपको सब यात्री अपनी जगह पर स्थिर दिखेंगे. यानी कुछ भी हिलता-डुलता नहीं दिखेगा. पर कान आपके इस हलचल को भांप लेते हैं. कान में मौजूद तरल पदार्थ का शारीरिक संतुलन बनाने में अहम रोल रहता है. शरीर जैसे ही गतिशील स्थिति में आता है तो यह तरल पदार्थ मस्तिष्क को लगातार सिग्नल देता है. दूसरी तरफ आंखें मस्तिष्क को अलग ही सिग्नल भेजती हैं. जिससे दिमाग कंफ्यजू हो जाता है. दिमाग इसे किसी जहर का दुष्प्रभाव समझता है और शरीर में उपस्थित वोमेटिंग सेंटर (Vomiting Center) को उल्टी करने का आदेश दे देता है. जिस कारण तालमेल ठीक से नहीं बैठने के कारण उल्टी होने लगती है.
सफर के दौरान इस समस्या से बचने के लिए बाहर की तरफ देखें. जिससे कान और आंखों में तालमेल बना रहेगा और उल्टी नहीं होगी. हालांकि इसके बाद भी कई लोगों को उल्टी हो सकती है क्योंकि यह यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता है कि मोशन सिकनेस के कारण ही उल्टी होती है. कई लोगों को गाड़ी के धुएं के कारण भी उल्टी हो जाती है और कई लोगों को पेट में गैस बनने के कारण. मोशन सिकनेस एक ऐसी थ्योरी है जिसे सबसे ज्यादा सफर के दौरान उल्टी से जोड़ा जाता है.