कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य पुलिस को ग़लत सूचना, हेट स्पीच और मोरल पुलिसिंग में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ स्वैच्छिक एफआईआर दर्ज करके सक्रिय क़ानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए.
नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य पुलिस को गलत सूचना, नफरत फैलाने वाले भाषण और मोरल पुलिसिंग में शामिल लोगों के खिलाफ स्वैच्छिक एफआईआर दर्ज करके सक्रिय रूप से कानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज होने का इंतजार नहीं करना चाहिए.सिद्धारमैया ने कहा कि लोगों ने नेतृत्व परिवर्तन के लिए मतदान किया था और सरकार को तदनुसार जवाब देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया और हमें सत्ता में लाए. हम उम्मीद करते हैं कि राज्य पुलिस भी वह बदलाव लाएगी जिसकी लोगों को ज़रूरत है. कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध राज्य के विकास से है और हम राज्य में शांति भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’
ये निर्देश शुक्रवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक के दौरान पुलिस अधिकारियों को दिए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम कानून को अपने हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति जीरो टॉलरेंस रखते हैं. चाहे वह कोई भी हो, उनका धर्म या पार्टी संबद्धता कुछ भी हो, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राज्य में कोई सांप्रदायिक हिंसा न हो. समाज की शांति भंग करने वालों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए.’
यह बयान भ्रामक जानकरी प्रसारित करने के लिए एक चैनल के खिलाफ मामला दर्ज करने के एक दिन बाद आया है, जब कर्नाटक पुलिस ने एक सरकारी सब्सिडी कार्यक्रम के संबंध में भ्रामक जानकारी प्रसारित करने के आरोप में एक प्रमुख हिंदी समाचार चैनल और उसके सलाहकार संपादक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
मामले को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुलिस को चैनल के संपादक के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ प्रथमदृष्टया मामला बनता है और इसकी जांच होनी चाहिए.
अदालत ने यह भी कहा कि वह चैनल के संपादक द्वारा एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा कर देगी और तब तक हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है.