वाराणसी। मां गंगा के पवित्र जल के प्रदूषित होने का कष्ट हर व्यक्ति को है। मां की पीड़ा से काशी की धर्मप्राण जनता भी कराह रही है। प्रदूषण के चलते गंगा जल के हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि 19 जून को श्री काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश-यात्रा में शामिल भक्त इस बरस भी बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक टिहरी के जल से ही करेंगे।
न्यासी व कार्यक्रम संयोजक जगदम्बा प्रसाद तुलस्यान ने शुक्रवार को बताया कि पिछले वर्ष संस्था ने यह विचार कर टिहरी के जल से बाबा का जलाभिषेक किया था कि सम्भवत: अगले वर्ष काशी में गंगा का पानी स्वच्छ व निर्मल हो जाएगा। अफसोस, सरकार की उदासीनता के चलते ऐसा न हुआ और हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए। ऐसे में न चाहते हुए भी अब टिहरी के जल से ही बाबा का जलाभिषेक करने का निर्णय लेना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि 19 जून को प्रात: राजेंद्र प्रसाद घाट से कलश-यात्रा अपने परम्परागत धार्मिक व सांस्कृतिक माहौल में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाएगी। इसी क्रम में शुक्रवार को केशव जालान के बांसफाटक स्थित प्रतिष्ठान में संस्था के मुख्य ट्रस्टी गोपाल जी की अध्यक्षता में बैठक हुई। सर्वसम्मति से गणोश कुमार गुप्ता, रमेश कुमार चौधरी, भरत सर्राफ, जवाहर लाल टण्डन को न्यासी मण्डल में सम्मिलित किया गया। कलश-यात्रा के विशिष्ठ अतिथि प्रमुख उद्योगपति कमल अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद घाट पर 1111 कलशों का पूजन करेंगे। पवन कुमार टिबड़ेवाल को सचिव व स्वर्गीय राज किशोर गुप्त के पुत्र राजीव गुप्त को सहसचिव नियुक्त किया गया है। ज्ञात हो कि सुप्रभातम् संस्था के स्वर्गीय राजकिशोर गुप्त के प्रयास से ही इस कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ था। फिलहाल कलश-यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं।