पुणे: पुणे के कसबापेठ सीट पर चुनाव जीत कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ ही एनसीपी भी उत्साहित है. कसबापेठ में कांग्रेस को 28 साल बाद जीत मिली है. यहां लगातार बीजेपी ही जीतती रही है. ये सीट बीजेपी का गढ़ रही है, लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी से ये सीट छीन ली है. इसे लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने बीजेपी और एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा है. संजय राउत ने कहा कि कसबा पेठ उपचुनाव में महा विकास आघाड़ी की जीत सिर्फ एक झांकी है और एमवीए सहयोगी अगर एकजुट होकर चुनाव लड़ें, तो अगले साल महाराष्ट्र में 200 से अधिक विधानसभा और 40 लोकसभा सीट जीत सकते हैं.
संजय राउत ने पत्रकारों से कहा, “कसबा पेठ के समझदार मतदाताओं ने सत्ताधारी पार्टी को करारा झटका दिया है. उन्होंने यहां मतदाताओं को खरीदने की कोशिश की, लेकिन ऐसा करने में असफल रहे. उन्होंने कहा, “कसबा झांकी है, महाराष्ट्र बाकी है’. उन्होंने कहा कि एमवीए की जीत राज्य के राजनीतिक भविष्य का सूचक है.
पुणे जिले के कसबा पेठ और चिंचवड में 26 फरवरी को क्रमश: भाजपा विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के कारण उपचुनाव हुए थे. बृहस्पतिवार को घोषित उपचुनाव परिणाम में कसबा पेठ सीट कांग्रेस ने जीती, जबकि चिंचवड सीट पर दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप की पत्नी व भाजपा उम्मीदवार अश्विनी जगताप ने राकांपा के विठ्ठल उर्फ नाना काते को हरा दिया. राउत ने कहा कि एमवीए के शीर्ष नेता विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमवीए सहयोगी यदि एक साथ चुनाव लड़ते हैं, तो अगले साल 200 से अधिक विधानसभा और 40 लोकसभा सीट जीत सकते हैं.