पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री आडवाणी करेंगे ग्वालियर से शुभारंभ, सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर राज्य सरकार करेगी 1000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय
मध्यप्रदेश में अंत्योदय, बीपीएल तथा निराश्रित वृद्धजन बीपीएल परिवारों को एक जून, 2013 शनिवार से एक रुपये किलो गेहूँ और आयोडीनयुक्त नमक तथा 2 रुपये किलो चावल देने के लिये अन्नपूर्णा योजना का नये स्वरूप में प्रारंभ होगा। योजना से लगभग 74 लाख राशन-कार्डधारी परिवारों को लाभ होगा। योजना लागू हो जाने के बाद राज्य सरकार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये का व्यय भार आयेगा।
पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ग्वालियर से योजना का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अरुण जेटली, मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री अनूप मिश्रा, श्री पारस जैन और राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह के अलावा सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, श्री प्रभात झा, श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, श्रीमती माया सिंह, श्री कप्तान सिंह सोलंकी और ग्वालियर की महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में अंत्योदय परिवारों को गेहूँ 2 रूपये प्रति किलोग्राम और चावल 3 रूपये प्रति किलोग्राम उपलब्ध करवाया जा रहा है। बी.पी.एल परिवारों को गेहूँ 3 रूपये प्रति किलोग्राम और चावल 4रूपये 50 पैसे प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध हो रहा है।
मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के बाद देश का पहला ऐसा प्रदेश होगा जो इन विशेष रियायती दरों पर गरीब परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध करवायेगा। इस विशेष रियायती दर पर खाद्यान्न की उपलब्धता से प्रदेश की लगभग आधी आबादी अर्थात् 3 करोड़ 50 लाख गरीब नागरिक लाभान्वित होंगे। इनमें 8 लाख परिवार अंत्योदय श्रेणी के और 56 लाख परिवार बी.पी.एल. श्रेणी के होंगे।
मध्यप्रदेश में बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को विशेष रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध करवाने का राज्य शासन का यह फैसला भारत सरकार के प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक से भी एक कदम आगे का फैसला है। खाद्य सुरक्षा विधेयक में 2 रूपये प्रति किलोग्राम गेहूँ और 3 रूपये प्रति किलोग्राम चावल उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है।
यह भी उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को केन्द्र सरकार से वर्तमान में बी.पी.एल परिवारों के लिये प्राप्त खाद्यान्न में 5 रूपये प्रति किलोग्राम गेहूँ और 6.50 रूपये प्रति किलोग्राम चावल प्राप्त हो रहा है। इस खाद्यान्न को हितग्राही परिवारों को उपलब्ध करवाने के लिये परिवहन और सहकारी और शीर्ष समितियों के कमीशन पर होने वाला लगभग 85 करोड़ का व्यय राज्य सरकार पहले से ही वहन कर रही है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का प्रथम चरण अप्रैल, 2008 में शुरू किया गया था। तब से बीपीएल हितग्राहियों को वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न पर 2 रुपये प्रति किलो का अतिरिक्त अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा था। राज्य सरकार द्वारा इस पर 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय किया जा रहा है। जून, 2013 से योजना के द्वितीय चरण में अब बीपीएल, एएवाय एवं निराश्रित वृद्ध परिवारों को एक रुपये किलो गेहूँ और नमक तथा 2 रुपये किलो चावल दिये जाने से 420 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक व्यय आयेगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शक्कर पर सबसिडी सीमित करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य सरकार पर 60 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय भार आयेगा। इस प्रकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय किया जायेगा।
सभी विकासखण्ड में एक रुपये किलो की दर से आयोडीनयुक्त नमक
एक जून 2013 से प्रदेश के सभी 313 विकासखण्ड में बी.पी.एल और अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह एक रूपये प्रति किलोग्राम की विशेष रियायती दर से आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध करवाया जायेगा। वर्तमान में प्रदेश के सिर्फ 89 अनुसूचित जनजाति बहुल विकासखण्ड में यह सुविधा दी जा रही है।
इस फैसले का उद्देश्य यह है कि न केवल अनुसूचित जनजाति के परिवारों बल्कि प्रदेश के सभी बी.पी.एल और अंत्योदय परिवारों को स्वस्थ पोषण के लिये आयोडीनयुक्त नमक सस्ती दर पर उपलब्ध हो सके।
इस अहम फैसले पर अमल से राज्य शासन पर 40 करोड़ रूपये सालाना का अतिरिक्त व्यय भार आयेगा, जो वर्तमान में सिर्फ 25 करोड़ था।
इस तरह आयोडीनयुक्त नमक को एक रूपये प्रति किलोग्राम की विशेष दर पर प्रदेश के सभी अंत्योदय और बी.पी.एल परिवारों को उपलब्ध करवाने पर राज्य शासन कुल 65 करोड़ रूपये सालाना का भार वहन करेगा।
प्रतिमाह अन्न उत्सव
रियायती दर पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करने की दृष्टि से प्रतिमाह ‘‘अन्न उत्सव’’ का आयोजन माह जुलाई, 2013 से प्रत्येक उचित मूल्य दुकान-स्तर पर किया जायेगा। जिन उचित मूल्य की दुकान के ग्राम में हाट बाजार लगते हैं, वहाँ यह आयोजन माह की 4 तारीख के पश्चात लगने वाले प्रथम हाट वाले दिवस में तथा जिन ग्रामों में हाट बाजार नहीं लगते हैं, वहाँ की उचित मूल्य दुकानों में माह की 7 तारीख को किया जाएगा। ‘‘अन्न उत्सव’’ में प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर कलेक्टर द्वारा नामांकित एक शासकीय कर्मचारी तथा स्थानीय जन-प्रतिनिधि की उपस्थिति में राशन बाँटेंगे। अन्न उत्सव की तारीख पर ही राशन प्राप्त करने की कोई बाध्यता नहीं है। जो उपभोक्ता ’’अन्न उत्सव’’ की तारीख को सामग्री प्राप्त नहीं कर पायेंगे, वह शेष अवधि में सामग्री प्राप्त करने के लिये स्वतंत्र हैं।