Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 जून माह भरपूर रहेगा तीज-त्योहारों से | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

Home » धर्म-अध्यात्म » जून माह भरपूर रहेगा तीज-त्योहारों से

जून माह भरपूर रहेगा तीज-त्योहारों से

June 5, 2021 11:51 am by: Category: धर्म-अध्यात्म Comments Off on जून माह भरपूर रहेगा तीज-त्योहारों से A+ / A-

भोपाल-सनातन धर्म में त्योहार और पर्वों का खास महत्व है। ऐसे में हर माह आने वाले विभिन्न तीज-त्योहार को लेकर विशेष उत्साह का माहौल रहता है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जहां लोग कोरोना संक्रमण के कारण त्योहार उत्साह के साथ नहीं मना पाए ऐसे में एक बार फिर देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते मई के तीज त्योहार भी उत्साह के साथ नहीं मनाए जा सके। अब जून में आने वाले पर्वो और त्योहारों को लेकर एक बार फिर लोग चिंतित हैं। संक्रमण को देखते हुए लोगों को अभी भी उत्‍साह के साथ संयम बरतना होगा।

6 जून- अपरा एकादशी: ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा या अचला एकादशी कहते हैं। इस साल अपरा एकादशी 6 जून को है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर महीने कृष्ण व शुक्ल पक्ष में एकादशी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत व पूजन करने से व्यक्ति के पापों का अंत होता है। भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होने की भी मान्यता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि अपरा एकादशी के दिन चंद्रमा मेष राशि और सूर्य वृषभ राशि में है। सूर्य नक्षत्र रोहिणी और नक्षत्र पद अश्विनी और भरणी रहेगा। एकादश तिथि 5 जून को सुबह 4:07 बजे से 7 जून को सुबह 8:48 बजे तक।

7 जून- सोम प्रदोष व्रत: इस माह 7 जून को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। वहीं इस दिन सोमवार होने के कारण इसे सोम प्रदोष माना जाएगा। दरअसल हिंदू पंचांग के मुताबिक हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन त्रयोदशी तिथि सुबह 8:48 बजे से शुरू होकर 8 जून को सुबह 11:24 बजे तक रहेगी।

10 जून- वट सावित्री व्रत और शनि जयंती: सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का खास महत्व माना जाता है। ये व्रत हर साल ज्येष्ठ अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल 2020 में भी ये व्रत ज्येष्ठ अमावस्या यानि 10 जून् को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना के लिए व्रत करती हैं। व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। वहीं इस बार इसी दिन अमावस्या, सूर्य ग्रहण और शनि जयंती भी है। अमावस्या 9 जून को दोपहर 1:57 बजे से 10 जून को शाम 4:20 बजे तक।

19 जून- महेश नवमी: महेश नवमी 19 जून को है। प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी पर्व मनाया जाता है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के वरदान स्वरूप मानी गई है जिसका उत्पत्ति दिवस ज्येष्ठ शुक्ल नवमी है। नवमी तिथि 18 जून की रात 8:35 से 19 जून को शाम 6:45 बजे तक।

20 जून- गंगा दशहरा: सनातन धर्म में गंगा दशहरा का महत्‍व धार्मिक परंपराओं और मान्‍यताओं वाले त्‍योहार के रूप में है। प्रत्‍येक वर्ष ज्‍येष्‍ठ मास के शुक्‍ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस साल यह तिथि 20 जून को है। मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। तभी से मां गंगा को पूजने की परंपरा शुरू हो गई। यह भी माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्‍नान करने और दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। दशमी तिथि 19 जून को शाम 6:50 बजे से 20 जून को शाम 4:25 बजे तक।

21 जून- निर्जला एकादशी और गायत्री जन्मोत्सव: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। सभी 24 एकादशियों में यह एकादशी सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इसे भीमसैनी एकादशी भी कहते हैं। इस साल 21 जून को निर्जला एकादशी है। इस दिन कठोर नियमों का पालन करते हुए भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन और उपवास किया जाता है। 21 जून को ही मां गायत्री का जन्‍मोत्‍सव पर्व भी है। एकादशी तिथि 20 जून को शाम 4.21 बजे से 21 जून को दोपहर 1.31 बजे तक है।

जून माह भरपूर रहेगा तीज-त्योहारों से Reviewed by on . भोपाल-सनातन धर्म में त्योहार और पर्वों का खास महत्व है। ऐसे में हर माह आने वाले विभिन्न तीज-त्योहार को लेकर विशेष उत्साह का माहौल रहता है। पिछले एक वर्ष से अधिक भोपाल-सनातन धर्म में त्योहार और पर्वों का खास महत्व है। ऐसे में हर माह आने वाले विभिन्न तीज-त्योहार को लेकर विशेष उत्साह का माहौल रहता है। पिछले एक वर्ष से अधिक Rating: 0
scroll to top