नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सत्ता के दो केंद्र का मॉडल कारगर नहीं रहा और सुझाव दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में अगर पार्टी सत्ता में आती है तब राहुल गांधी को किसी को प्रधानमंत्री मनोनित नहीं करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया।
उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा कि निजी तौर पर मैं महसूस करता हूं कि इस मॉडल ने ठीक ढंग से काम नहीं किया। क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि सत्ता के दो केंद्र नहीं होने चाहिए और मैं समझता हूं कि जो कोई भी प्रधानमंत्री हो उसे काम करने का अधिकार होना चाहिए हालांकि सोनिया गांधी ने सरकार के कामकाज में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। दिग्विजय से पूछा गया था कि क्या वह मानते हैं कि उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मां के मॉडल का अनुसरण करेंगे जैसे सोनिया ने 2004 और 2009 के चुनाव के बाद मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में मनोनित कर किया था।
यह पूछे जाने पर कि ऐसा लगता है कि मनमोहन सिंह के पास कोई अधिकार नहीं है, दिग्विजय ने कहा कि उनके पास अधिकार है। अगर आप परमाणु करार और अन्य बातों पर गौर करें तब आप ऐसा पायेंगे। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि सोनिया गांधी हस्तक्षेप करने वाली अंतिम शख्स हैं। वास्तव में उन्होंने पार्टी को उस समय संभाला जब पार्टी असहाय थी। उस समय हमारे दो मुख्यमंत्री थे।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसलिए मैं समझता हूं कि जब समय आयेगा और कांग्रेस को बहुमत मिलेगा या वह सरकार बनाने की स्थिति में होगी तब राहुल गांधी आगे आयेंगे।