इस्लामाबाद : पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कश्मीर मुद्दा का र्ढे से हटकर (आउट ऑफ द बॉक्स) समाधान निकालने की जोरदार पैरवी करते हुए कहा है कि आतंकवाद से इस मामले को सुलझाने में कोई मदद नहीं मिलेगी।
विदेश विभाग के अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श की बैठक के दौरान हिना रब्बानी ने यह टिप्पणी की। विदेश मंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 16 मार्च को खत्म हो रहा है क्योंकि इसी तारीख को पाकिस्तान में पीपीपी के नेतृत्व की सरकार पांच साल पूरे कर लेगी।
समाचार पत्र ‘द न्यूज’ के अनुसार हिना रब्बानी ने र्ढे से हटकर कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालने पर जोर दिया और कहा कि इस मुद्दे के समाधान में आतंकवाद से मदद नहीं मिलेगी तथा सैन्य ताकत भी कोई विकल्प नहीं है। बीते दो वर्षों से पाकिस्तानी विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहीं हिना ने कहा कि भारत फिलहाल कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का इच्छुक नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन हालात में भारत के साथ व्यापार और आर्थिक रिश्ते को आगे बढ़ाना ही सबसे अच्छा रास्ता है। व्यापार और कारोबारी रिश्ते बढ़ने पर भारत के लोग अपनी सरकार पर दबाव बनाएंगे कि इस समस्या का कोई समाधान निकाला जाए। यही एक रास्ता है जिसके जरिए हम कश्मीर के लोगों के लिए कुछ राहत पा सकते हैं। ’’
हिना ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ का अजमेर शरीफ का दौरा उपयोगी साबित हुआ है क्योंकि यह यात्रा दोनों देशों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में हुई। वाशिंगटन और इस्लामाबाद के रिश्तों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इतना कमजोर नहीं है कि वह अमेरिका से इतनी आसानी से डर जाएगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर जॉन कैरी की नियुक्ति का हवाला देते हुए हिना ने उम्मीद जताई कि यह पाकिस्तान के लिए उपयोगी रहेगा। स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि विदेश मंत्री पद से हटने के बाद हिना अपना रेस्त्रां का कारोबार संभालेंगी। उनके ‘पोलो लॉंज’ नाम से कई रेस्त्रां हैं।