नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने सोमावर को अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि उसका प्रत्यर्पण वैध है और 1993 के मुंबई बम विस्फोटों सहित विभिन्न मामलों में मुकदमा जारी रहेगा। सलेम ने कोर्ट से आग्रह किया था कि पुर्तगाल की सर्वोच्च अदालत द्वारा उसके भारत प्रत्यर्पण को रद्द किए जाने के बाद उसके खिलाफ सभी कार्यवाही खारिज कर दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी कि पुर्तगाल की अदालत का फैसला यहां की अदालतों के लिए बाध्यकारी नहीं है और भारत को सलेम का प्रत्यर्पण कानून की नजरों में वैध है। चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली बेंच ने हालांकि, सीबीआई को सलेम पर उसके प्रत्यर्पण के बाद टाडा और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत लगाए गए अतिरिक्त आरोपों को वापस लेने की अनुमति दे दी।
सलेम फिलहाल मुंबई की जेल में बंद है। पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सलेम ने टाडा अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसके खिलाफ मुकदमा बंद किया जाना चाहिए। तब उसने लिस्बन स्थित हाई कोर्ट में याचिका दायर कर प्रत्यर्पण के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। पिछले साल 19 सितंबर को लिस्बन अदालत ने कहा था कि भारत ने वायदे का उल्लंघन गया है। गौरतलब है कि सलेम के प्रत्यर्पण के समय भारत ने वायदा किया था कि उसके खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं चलाया जाएगा, जिसमें मौत या 25 साल से अधिक की सजा का प्रावधान हो। हालांकि, बाद में उसके खिलाफ ऐसी धाराओं में मामाले दर्ज कर लिए गए।
सलेम और उसके साथ उस समय रही ऐक्ट्रेस मोनिका बेदी को तीन साल तक चली मैराथन कानूनी कार्यवाही के बाद 11 नवंबर 2005 को भारत को प्रत्यर्पित किया गया था।