पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने कंपनी को कड़ी फटकार लगाई और यह भी पूछा कि आखिर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को गुमराह करने वाले विज्ञापनों को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह कंपनी पूरे देश को गुमराह कर रही है। आखिर इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही पतंजलि आयुर्वेद के स्वास्थ्य से संबंधित तमाम विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। कंपनी आगे भी इस तरह के विज्ञापन नहीं कर सकेगी। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापनों में छपे फोटो के आधार पर नोटिस जारी किया है।
पतंजलि के विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी घेरा है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पूरे देश को ऐसे विज्ञापनों के जरिए घुमाया जा रहा है और केंद्र सरकार अपनी आंखें बंद करके बैठी है। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को तत्काल कुछ कार्रवाई करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के डायरेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट की अवमनाना का मुकदमा चलाया जाए।
कोर्ट ने इस मामले में तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के मेडिकल प्रोडकट्स के विज्ञापन पर रोक लगाई है, जो रोगों को ठीक करने का दावा करते है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को तीन हफ्ते में जवाब देना है कि उन्होंने क्या करवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दो लोगों को पक्षकार बनाएंगे, जिनकी तस्वीर विज्ञापन पर हैं। उन्हें नोटिस जारी करेंगे। उन्हें अपना जवाब व्यक्तिगत दाखिल करना होगा। कोर्ट ने कहा कि हम ये जानना नहीं चाहते कौन क्या है? हम पक्षकार बनाएंगे. केन्द्र सरकार ने कहा कि हम किसी भी तरह का भ्रामक विज्ञापन बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे कोई भी हो।