ग्रहों के राजा सूर्य पिछले एक महीने से अपने घर यानी सिंह राशि में चल रहे थे। सूर्य आज रात अपने घर से निकलकर कन्या राशि में पहुंच रहे हैं जो सूर्य के मित्र बुध की राशि है। बुध यहां पहले से मौजूद है जिससे सूर्य और बुध का मिलन होगा।
ज्योतिषशास्त्र के नियमानुसार सूर्य जब एक राशि से निलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। कन्या राशि में सूर्य का प्रवेश आश्विन संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यानी आज रात से पंचांग के अनुसार आश्विन महीना आरंभ हो जाएगा।
यह संक्रांति सोमवार के दिन होने से इसका नाम ध्वांक्षी है जबकि नक्षत्र के अनुसार इसका नाम महोदरी है। ज्योतिषशास्त्री चन्द्रप्रभा बताती हैं कि अगला एक महीना व्यवसायियों के लिए बहुत ही लाभप्रद रहने वाला है।
इन दिनों इन्हें उन्नति एवं लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। लेकिन लापरवाही एवं असावधानी से भी बचना होगा क्योंकि चोरों एवं असामाजिक तत्व अधिक सक्रिय रहेंगे देश की राजनीति की बात करें तो इस माह राजनीतिक गलियारों से जनहित एवं जनकल्याण का स्वर सुनाई देगा।
महंगाई में कमी लाने पर भी विचार किया जाएगा। सूर्य और बुध के मिलन से रूपया उपर उठेगा। अर्थव्यवस्था में सुधार की गति तेज होगी लेकिन जमीनी स्तर पर महंगाई से राहत नहीं मिलने के कारण जनता में सरकार के प्रति आक्रोश बना रहेगा। किन्तु सूर्य की अनुकूल स्थिति के कारण जनता उग्र नहीं होगी, शांत रहकर सरकारी गतिविधियों को देखेगी।
व्यक्तिगत तौर पर देखें तो सिंह राशि वालों को पिछले महीने मानसिक सुख-शांति के बाद फिर से परेशानियों का समाना करना होगा। आर्थिक मामलों में परेशानी रहेगी। जबकि कन्या राशि वालों के लिए यह महीना सुखद रहेगा। इनका साहस और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
कार्यक्षेत्र में अनुकूलता बनी रहेगी, अधिकारियों से सहयोग एवं प्रोत्साहन मिलेगा। कुंभ राशि वालों के लिए भी महीना अनुकूल रहेगा। जो व्यक्ति संक्रांति का स्नान एवं दान करना चाहते हैं उनके लिए 17 तारीख को ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सुबह 6 बजकर 22 मिनट तक का समय उत्तम रहेगा।