समय की दी हुई प्रमुख समस्या है तनाव। यह बेवजह थकाता है, किए गए कामों के आधे अधूरे परिणाम दिलाता है और अक्सर बीमारियां भी लाता है। लेकिन ऐसा कुछ खास तरह के लोगों के साथ ही होता है।
खासतौर पर उन लोगों के साथ जो काम को बोझ समझते हैं और जिंदगी को ढर्रे से जीने के आदी होते हैं। ताजा शोधों के मुताबिक तनाव हमेशा नुकसानदेह नहीं होता। बल्कि अक्सर तो लाभ ही पहुंचाता है।
बशर्ते कि उसे रचनात्मक ढंग से जिया जाए। मनोविज्ञानी और योगशास्त्री डा.एसडी विद्यालंकार के अनुसार मन के सभी स्तरों पर तनाव की जड़ें जमी हुई हैं।
चेतन मन में जहां अपने सारे अनुभव स्मृति में रहते हैं और हमें उनका ज्ञान रहता है। इसके बाद अवचेतन मन में जहां अपने आप ही बिना हमारे जाने ये रिकॉर्ड हो जाते हैं। इसके बाद अचेतन मन में जहां पुराने संस्कार दबे रहते हैं।
अचेतन मन में पूर्व जन्म के संस्कार भी संचित बताए जाते� हैं। इन तीनों तलों पर अपने पांव पसारे तनाव से मुक्ति का उपाय सकारात्मक जीवन तो है ही पर वह लंबे अभ्यास और जागरुकता से आते हैं।
सरल सा उपाय है- योग निद्रा। योग निद्रा के जरिए जब हम कुछ मिनट तक शरीर और मन को शांत रखने में सक्षम हो जाते हैं। हमारे अचेतन मन के क्षेत्र में पहुंच बनने लगती है।
जब यहां तक पहुंचें तो किसी शुभ संकल्प को अपने अन्दर धारण कर लें इसके उभरते ही अचेतन मन से नकारात्मक अनुभवों, विचारों और भावों से छुटकारा मिलने लगेगा।
ज्यादा नहीं चालीस दिन तक इस अभ्यास को दोहराया जाए तो छोटे-मोटे तनावों को झेलने के अभ्यस्त हो जाएंगे। तनाव आपके लिए खिलौने के समान दिखने लगेंगे।