देहरादून। कुदरत ने उत्तराखंड में जो तबाही मचाई है, उसकी तस्वीर धीरे धीरे सामने आ रही है। आसमान से बरसी आफत ने मंदिरों की इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। उत्तराखंड के बिगड़े हालातों का जायजा लेने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी आज देहरादून पहुंचे हैं। इधर,रुद्रप्रयाग पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा,आपदा मंत्री यशपाल आर्य और कृषि मंत्री का स्थानीय लोगों ने इनका घेराव कर जबरदस्त विरोध किया। प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाए गए। उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। लोगों का आरोप है कि प्रशासन से यहां के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया और खुद वीआईपी लोगों के बचाव में जुट गए। उधर, खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री उत्तराखंड की तबाही को लेकर प्रधानमंत्री से शाम को चर्चा कर सकते हैं।
हिमाचल और उत्तराखंड में आई बाढ़ और भूस्खलन ने अब तक सैकड़ों लोगों की जान ले ली है। सरकार की ओर से चलाए जा रहे राहत अभियान के बावजूद अभी भी यहां हजारों की तादाद में लोग फंसे हुए हैं। दोनों राज्यों के तीर्थस्थान में 70 हजार से अधिक यात्री फंसे हुए हैं। हालांकि दो हजार से अधिक यात्रियों को बाहर निकाल लिया जा चुका है। केदारनाथ में भी सेना जोर शोर से राहत व बचाव कार्य चला रही है। सेना और निजी कंपनियों की 24 टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई है।
तीन दिनों से हो रही तेज बारिश ने उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई है। शासन के अनुसार पूरे प्रदेश में अब तक आपदा से मरने वालों का आंकड़ा 54 पर पहुंच गया है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित चार धाम में से एक केदारनाथ मंदिर पर बारिश का कहर सबसे ज्यादा टूटा है। इलाके में बहुत से तीर्थयात्रियों सहित करीब 500 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
केदारनाथ में राहत-बचाव कार्य जारी
केदारनाथ में सुबह छह बजे से राहत-बचाव काम शुरू हो गया है। आज पहले दो घंटे में केदारनाथ से 220 यात्री सुरक्षित निकाले गए। मंगलवार को 890 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। पहले सेना फंसे हुए लोगों को बचाने का काम कर रही है, इसके बाद मलवा हटाने के काम पर ध्यान दिया जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी भी वहां 250 से 300 यात्री फंसे हुए हैं। गौरीकुंड के पास गौरी गांव में सेना ने अस्थायी हेलीपैड बनाया है। इधर, सेना सेन प्रयाग में अस्थायी पुल के काम में जुटी हुई है। खबर आ रही है कि उत्तरकाशी और चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्रियां पहुंचाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने रुद्रप्रयाग और केदारनाथ का दौरा किया कुमांऊ पिथौरागढ़ जिले में आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्य ने राहत कायरें का जायजा लिया। इधर, देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर अपनों की तलाश में लगे परिजनों का जमावड़ा लग गया है, लेकिन उन्हें अभी भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही है। सभी शासन-प्रशासन को कोस रहे हैं। इस बीच, राज्यों सरकारों ने भी मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र सिंह ओडा और पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा भी जौलीग्रांट पहुंचे। बताया गया है कि इन दोनों राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग चारधाम यात्रा पर आए हुए हैं।
वहीं, उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव भाष्करानंद ने बताया कि नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) केदारनाथ पहुंच गई है, जबकि एनडीआरएफ की दूसरी टीम गुप्तकाशी में है। शासन ने दावा किया है उत्तराखंड में आपदा में फंसे 19 हजार यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।