शिवरात्रि पर चंद्रमा की प्रधानता अद्भुत संयोग है। जिसके कारण इस बार शिवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ गया है। सोमवार चंद्रमा का दिन है साथ ही वह इसी दिन कर्क यानी अपनी राशि में प्रवेश करेगा।
इससे चंद्रमा अधिक प्रबल रहेगा और जलाभिषेक करने पर लोगों को अधिक मानसिक शांति प्राप्त होगी। शिवरात्रि पांच अगस्त की है। शिवरात्रि चतुर्दर्शी तिथि में होती है। चतुर्दर्शी तिथि में चंद्रमा क्षीण अवस्था में रहता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।
चंद्रमा चार क्षेत्रो में प्रबल स्थिति
चंद्रमा चार क्षेत्रो में प्रबल स्थिति में है। जिसके कारण इस बार शिवरात्रि पर चंद्रमा की प्रधानता रहेगी। इससे शिवरात्री की महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है। ज्योतिषाचार्य पंड़ित राकेश शुक्ला ने बताया कि भगवान शिव को चंद्रमा बेहद प्रिय है। इसलिए वह उसे अपने मस्तक पर विराजमान रखते हैं।
शिवरात्रि सोमवार को आ रही है और सोमवार चंद्रमा का दिन होता है। शिवरात्रि में सूर्य कर्क राशि में है। जिसका स्वामी भी चंद्रमा होता है। यही नहीं सोमवार को चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करेगा। चंद्रमा कर्क राशि स्वामी है।
अपनी राशि में होने से चंद्रमा और प्रबल हो जाएगा। रविवार चार अगस्त रात 11.25 से शिवरात्रि प्रारंभ हो जाएगी। यानी शिव का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। इस समय पर गजकेसरी योग रहेगा। जिसके स्वामी चंद्रमा और बृहस्पति होते हैं।
पूजा-अर्चना संपन्नता लाएगा
इस योग में पूजा-अर्चना संपन्नता लाता है। पंडित राकेश शुक्ला ने बताया कि ऐसे में शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से मिलने वाला फल कई सौ गुना अधिक हो जाएगा। साथ ही लोगों को अधिक मानसिक शांति प्राप्त होगी।