चिंतपूर्णी/कांगड़ा/ज्वालामुखी/नयनादेवी। प्रदेश के शक्तिपीठों बुधवार से श्रवण अष्टमी मेले शुरू हो गए। शक्तिपीठों में मेलों का आगाज कन्यापूजन के साथ हुआ। मेले के पहले दिन चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
दोपहर बाद हुई बारिश के कारण मां के दर्शन के लिए कतार में लगे श्रद्धालुओं को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा। करीब 30 हजार श्रद्धालुओं ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगवाकर पूजा-अर्चना की। होशियारपुर से चिंतपूर्णी तक साइकिल व पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया है। ज्वालामुखी मंदिर में हवन पूजा और कन्या पूजन कर भक्तों को हलवे का प्रसाद बांटा। बाहर से आए श्रद्धालुओं के अलावा शहर के लोगों ने भी परिवार सहित मां के दरबार में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर में पहले दिन हालांकि कम श्रद्धालु आ, लेकिन एक-दो दिन में इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है। उधर, कांगड़ा के बज्रेश्वरी देवी मंदिर में भी पूजा अर्चना के साथ श्रवण अष्टमी मेले का शुभारंभ किया गया। मंदिर प्रशासन ने मेलों की तैयारियां पूरी कर ली हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी है।
प्रशासन ने बाजार में यातायात के लिए वन वे व्यवस्था लागू कर पार्किंग स्थल भी निर्धारित कर दिए हैं। मंदिर के औषधालय में भी दवाएं रखी गई हैं और चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं। वहीं श्री नयनादेवी में भी श्रवण अष्टमी मेले धूमधाम से शुरू हुए। पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना और हवन किया। मंदिर अधिकारी मदन लाल शर्मा ने बताया की मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।