जोधपुर: जोधपुर की जेल में बंद आसाराम की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है, जिसका अर्थ है कि वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे। नाबालिग लड़की पर यौन हमले के आरोपी आसाराम 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत अर्जी पर मंगलवार के बाद आज भी सुनवाई जारी रही, जिसके दौरान अभियोजन पक्ष को बहस का मौका दिया गया।
बहस के दौरान जमानत का विरोध करने वाले सरकारी वकील ने अदालत में जोधपुर पुलिस को आसाराम के पक्ष द्वारा धमकाने और घूस देने का लालच दिए जाने की बात कही है। जांच अधिकारी चंचल मिश्रा ने भी माना है कि डीसीपी अजय लांबा को धमकी दी गई। उन्होंने रिश्वत की पेशकश की भी बात मानी।
आसाराम की जमानत पर सुनवाई के बीच सरकारी वकील ने आज कहा कि आसाराम के सेवादार शिवा ने यह माना है कि आसाराम अकेले में लड़कियों से मिला करते थे। सेवादार ने यह बात पुलिस के सामने कबूल की है। आसाराम का बेहद करीबी होने के चलते शिवा इस मामले का मुख्य गवाह है।
आसाराम के वकीलों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि पुलिस ने आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का गैर-जमानती आरोप लगाने में गलती की है।
वहीं, यौन हमले के आरोप में घिरे आसाराम के मामले में जांच कर रहे जोधपुर पुलिस को धमकियां मिलनी शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि जोधपुर पुलिस के डीसीपी अजय लांबा को धमकी-भरे फैक्स भेजे गए हैं।
बताया जा रहा है कि यह धमकी भरा फैक्स उत्तर प्रदेश से भेजा गया है, जिसके बारे में आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे आसाराम के समर्थकों का हाथ हो सकता है।