यूं तो साईं बाबा के दरबार में रोजाना ही लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं और उनके दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं लेकिन मन्नत पूरी होने पर भक्तों की तरफ से किए गए सोने-चांदी के दान से बाबा का खजाना बढ़ता ही जा रहा है. कोई बाबा को मुकुट पहना रहा है तो कोई सोने की थाली व लोटा चढ़ाकर खुश है.
एक फकीर ने सादगी की वो लकीर खींची, जिसने दुनिया को उसका कायल बना दिया. लेकिन उस संत के सिद्धांत पर अब सोने-चांदी की चमक छायी हुई है. जमीन पर खुली छत के नीचे धूनी रमाने वाले शिरडी के साईं बाबा अब सोने के सिंहासन पर बैठे हैं. बदन पर एक लंबा कुर्ता डालने वाले बाबा की प्रतिमा सोने-चांदी के आभूषणों से लदी पड़ी है.
मौका कोई भी हो, बाबा के भक्तों को तो जैसे बाबा पर दौलत लुटाने का बहाना सा मिल जाता है. हर साल साईं भक्त रिकॉर्ड चढ़ावा चढ़ा रहे हैं. ये भी साईं की आस्था और महिमा ही है कि जिन साईं बाबा ने अपने जीवन भर माया और मुद्रा को छुआ तक नहीं, आज उनके भक्तों ने शिरडी को देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार कर दिया है.
कई बार भक्त गुप्त रूप से बाबा के खजाने में दान कर उनका शुक्रिया अदा करते हैं. पिछले विजयादशमी पर ही एक गुमनाम भक्त ने तीन किलो सोने की दो थाली बाबा के लिए भेंट की जिसकी कीमत करीब 63 लाख रुपये थी.
सोने की कीमत भले ही आसमान चढ़ रही हो, लेकिन साईं बाबा के भक्त बेशकीमती उपहार चढाने में जरा भी पीछे नहीं रहते. इसी साल दिल्ली के एक भक्त ने साईं के चरणों में शुद्ध सोने का एक लोटा भी अर्पित किया है. सोने के इस लोटे का भार करीब 1 किलो था जिसकी कीमती 32 लाख रुपये बताई गयी थी.
कहते हैं साई बाबा के दरबार में जो कोई भी आता है, वो खाली हाथ नहीं जाता. साईं अपने भक्तों की हर मुराद सुनते हैं और इसीलिए भक्त भी अपने प्रभु पर दोनों हाथों से सबकुछ लुटाने को तैयार रहते हैं. और इसी श्रद्धा ने साईं मंदिर को महाराष्ट्र का सबसे धनी मंदिर बना दिया है. चढ़ावों का हाल ये है कि साईं के खजाने में विदेशी मुद्रा भी बढ़ती ही जा रही है.
सोने से साईं पूरी तरह ढक चुके हैं अब तो लगता है कि दीवारें भी सोने चांदी से मंढ दी गई हैं. साईं बाबा सोने-चांदी के रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देते हैं. साईं बाबा के खजाने में क्विंटल के हिसाब से सोना, चांदी और हीरे के साथ कैश और करोड़ों के फिक्स डिपॉजिट भी हैं. भक्त बाबा पर खजाना लुटाते हैं, और साईं भक्तों की झोली भरते हैं.
बाबा के दर पर जो भी आया वो कभी खाली हाथ नहीं गया. सबके दुखड़े मिटाने वाले हैं शिरडी के साईं बाबा. शिरडी के साईं तो फकीर थे. बाबा ने अपने लिए तो कुछ नहीं रखा बल्कि लोगों की झोलियां खुशियों से भर दीं. लेकिन भक्तों ने अब बाबा के धाम को धन से पाट दिया है. बाबा के करोड़ों भक्तों ने शिरडी में खूब चढ़ावा चढ़ाया जिसके चलते बाबा के मंदिर का खजाना दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है.
शिरडी साईं मंदिर में 860 करोड़ रुपये के फिक्स डिपॉजिट हैं. 300 किलोग्राम सोना है, 3 हजार किलो चांदी है और साढ़े 3 करोड़ के हीरे हैं. देश के अमीर मंदिरों में शिरडी के साईं बाबा भी गिने जाने लगे हैं देश-विदेश से लाखों लोग मन्न्त लेकर शिरडी पहुंचते हैं और मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाते हैं. भक्तों ने साईं मंदिर की दीवारों को सोने मढ़ दिया है.
साल 2012-13 में शिरडी साईं मंदिर में 305 करोड़ 39 लाख रुपये का चढ़ावा आया इसमें 35 किलो सोना, 385 किलो चांदी और एक करोड़ 18 लाख रुपये के हीरे भक्तों ने चढ़ाए. तो मंदिर की हुंडी में 176 करोड़ रुपये कैश आए. जबकि 10 करोड़ रुपये विदेशी करंसी भी भक्तों ने चढ़ाई.