नई दिल्ली: बॉलीवुड में 100 करोड़ रुपये वाले क्लब को लेकर काफी शोर-शराबा हुआ, लेकिन बीते तीन दशकों से फिल्मी दुनिया में सक्रिय सितारे सन्नी देओल का कहना है कि उन्हें याद है कि पहले भी यह चलन मौजूद रहा है, लेकिन इसे कभी इतना प्रचारित नहीं किया गया था।
56 वर्षीय सन्नी ने 1983 में रोमांसप्रधान फिल्म ‘बेताब’ से फिल्मी दुनिया में शुरुआत की थी। वह फिल्मों के 100 करोड़ रुपयों के व्यवसाय को लेकर हो रहे शोर-शराबे पर हैरान हैं।
सन्नी ने एक सामूहिक साक्षात्कार में कहा, मैं नहीं समझ पाता कि इसे इतना प्रचारित क्यों किया जा रहा है। ऐसी कई फिल्में रही हैं, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यवसाय किया है, लेकिन पूर्व में कभी भी इसे प्रचारित नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, अभी ऐसा हो रहा है कि लोग इसे एक मुद्दा बना रहे हैं। मेरी फिल्म ‘गदर-एक प्रेम कथा’ ने कई करोड़ की कमाई की थी। यह ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। लोगों ने काम व कहानी पसंद किए थे।
सन्नी ने ‘घायल’, ‘डर’ व ‘दामिनी’ जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया है। वह नम्बर एक की दौड़ में विश्वास नहीं करते।
उन्होंने कहा, मैं नहीं समझ पाता कि आज हर कोई नम्बर एक क्यों बनना चाहता है। लोग असुरक्षित हो गए हैं। काम की गुणवत्ता कम हुई है और फिल्मों में मुख्य ध्यान उनकी कमाई पर दिया जाता है।
सन्नी अंतिम बार 2011 में प्रदर्शित हुई ‘यमला पगला दीवाना’ (वाईडीपी) में नजर आए थे। इसमें वह अपने पिता धर्मेद्र व भाई बॉबी के साथ दिखे। तीनों इससे पहले ‘अपने’ में भी साथ अभिनय कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, लोग आज जो कर रहे हैं, उसे मैं पहले ही देख व कर चुका हूं। मुझे 100 करोड़ के क्लब को प्रचारित करना पसंद नहीं, जैसे कि पहले कभी भी ऐसा नहीं किया गया।