जब हम जोखिम लेते हैं तो हम खुद को खतरे और संभावित क्षति के सामने खुला छोड़ देते हैं। जोखिम कई रूपों में आते हैं और बुरे परिणाम के साथ उनका अंत होता है। परमात्मा को पाने के लिए अपने आपको तैयार करना और उसमें जुट जाना एक बड़ा जोखिम है। यह जोखिम का एक रूप है।
जोखिम में नुकसान किसी भी किस्म का हो सकता है पैसा, दोस्त, प्यार, भौतिक संपत्ति, प्रसन्नता या शायद आपकी जिंदगी। तो यह कैसे संभव है कि कुछ खास जीन्स हमें जोखिम उठाने के लिए प्रवृत्त करते हैं, फिर भी वे मानव प्रजाति के अस्तित्व के लिए अनुकूल हैं।
जो लोग जोखिम उठाने के आदी हैं, वे बहुत तेज जिंदगी जीते हैं। हालांकि जो जोखिम वे उठाते हैं वे नुकसानदेह हो सकते हैं लेकिन उनके पास पुरस्कार हासिल करने की संभावना भी रहती है। कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है रोमांच के लिए जोखिम उठाने की। इस संबंध में उनकी अंत:प्रेरणा बड़ी तीव्र होती है जिस वजह से वे ज्यादा से ज्यादा जोखिम उठाना चाहते हैं।
प्रयोगशालाओं में हुए अध्ययन बताते हैं जिनमें यह पड़ताल की गई कि जोखिम उठाने के मामले में अलग अलग लोगों का कैसा व्यवहार होता है जैसे की यौन व्यवहार और वित्तीय जोखिम उठाना। इन अनुसंधानों में पता चला कि वे जीन्स जो दिमाग के क्रियकलापों की भिन्नता का कोड बनाते हैं, वे अक्सर हमारे व्यवहार की तरह ही भिन्न होते हैं।
अनुसंधानों के मुताबिक कुछ लोगों में खुशी हासिल करने की इच्छा बाकियों से ज्यादा होती है और ऐसा लगता है कि यह फितरत आध्यात्मिक होती है।