कोलकाता: बांग्ला फिल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक ऋतुपर्णो घोष का गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे कोलकाता में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कुल 12 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (नेशनल फिल्म अवॉर्ड) जीत चुके ऋतुपर्णो घोष पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित थे, और महज 49 वर्ष के थे। उन्हें पिछले साल भी बांग्ला फिल्म ‘अबोहोमन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुआ था।
विज्ञापनों की दुनिया से अपना करियर शुरू करने वाले ऋतुपर्णो घोष की निर्देशक के रूप में पहली फिल्म वर्ष 1994 में रिलीज़ हुई ‘हीरेर आंगती’ थी, जो बांग्ला में बच्चों के लिए बनी फिल्म थी। उसी वर्ष उनके निर्देशन में बनी दूसरी फिल्म ‘उन्नीशे अप्रैल’ रिलीज़ हुई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के अलावा कुल 12 राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने वाले ऋतुपर्णो घोष ने बांग्ला फिल्म ‘चोखेर बाली’ और हिन्दी फिल्म ‘रेनकोट’ में जहां ऐश्वर्या राय बच्चन को निर्देशित किया, वहीं उन्होंने ‘सहस्राब्दि के महानायक’ कहे जाने वाले बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को भी अंग्रेज़ी फिल्म ‘द लास्ट लियर’ में निर्देशित किया था। वैसे हिन्दी फिल्मों के दर्शक उन्हें अजय देवगन और ऐश्वर्या राय अभिनीत ‘रेनकोट’ के लिए ही ज़्यादा जानते हैं।
ऋतुपर्णो घोष ने इन फिल्मों के अलावा ‘दहन’, ‘असुख’, ‘चोखेर बाली’, ‘उत्सव’, ‘बरीवाली’, ‘अंतरमहल’ और ‘नौकादुबी’ जैसी बेहतरीन फिल्मों का भी निर्देशन किया। इनमें से ‘दहन’ के लिए उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ पटकथा’ का पुरस्कार मिला, जबकि ‘उत्सव’ के लिए वह राष्ट्रीय पुरस्कार जूरी द्वारा सर्वश्रेष्ठ निर्देशक चुने गए।
वर्ष 1963 में 31 अगस्त को कोलकाता में जन्मे ऋतुपर्णो घोष ने पर्दे पर दिखाई देने का भी फैसला किया था, और पहली बार वर्ष 2003 में रिलीज़ हुई हिमांशु परीजा द्वारा निर्देशित उड़िया फिल्म ‘कथा दैथिली मा कु’ में दिखाई दिए। ऋतुपर्णो के माता-पिता भी फिल्मोद्योग से ही जुड़े हुए थे, और उनके पिता वृत्तचित्रों का निर्माण किया करते थे। ऋतुपर्णो ने स्कूली पढ़ाई साउथ प्वाइंट हाई स्कूल से की, और फिर अर्थशास्त्र की पढ़ाई कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी से।
ऋतुपर्णो घोष के देहावसान की खबर आते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई, और फिल्मी कलाकारों, राजनेताओं और अन्य प्रसिद्ध हस्तियों ने घोष के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ऋतुपर्णो घोष को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके निवास पर गईं, जहां सुबह से ही अभिनेताओं-अभिनेत्रियों की भीड़ लगी हुई है।