इलाहाबाद। संगम नगरी में आयोजित विश्र्र्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में यूं तो कई रिकार्ड बने हैं पर इसमें सबसे बड़ा रिकार्ड दूर संचार विभाग के नाम माना जा रहा है। बीएसएनएल के नेटवर्क में 10 जनवरी से लेकर 25 फरवरी यानी पौने दो माह में करीब चार करोड़ कॉल दर्ज की गई हैं। यह सभी मेच्योर (जिसमें बातचीत हुई हो) कॉल हैं। बीएसएनएल प्रबंधन का अनुमान है कि महाशिवरात्रि तक कॉल का यह आंकड़ा पांच करोड़ तक पहुंच जाएगा। अधिकारियों की मानें तो सर्वाधिक कॉल मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के दिन हुई है। इन दोनों मुख्य स्नान पर्वो तक 3 करोड़ 74 लाख कॉल दर्ज की गई है। तकरीबन एक लाख कॉल प्रतिदिन अभी भी हो रही है। माना जा रहा है कि माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि का डेटा पूरा होने के बाद यह आंकड़ा पांच करोड़ से ऊपर पहुंच जाएगा। फिलहाल बीएसएनएल प्रबंधन इसे एक उपलब्धि मान रहा है।
नो प्राफिट नो लास का सौदा- बीएसएनएल ने महाकुंभ के प्रोजेक्ट पर पांच करोड़ रुपये खर्च किए थे। जिसमें से लगभग इतने ही राजस्व के आने की बात कही जा रही है। कुंभ मेले के दौरान पूरे प्रदेश में रिचार्ज कूपन से बीएसएनएल की आय में बढ़ोतरी दर्ज की गई है पर कितना लाभ और हानि हुआ है इसका पता ऑडिट होने के बाद चल सकेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग पर मंथन : कुंभ मेला क्षेत्र में वीडियो कांफ्रेसिंग सुविधा नहीं होने पर भी मंथन किया गया। अधिकारी सुविधा को पहले देने फिर नहीं देने को लेकर ऊहापोह में ही रहे। हालांकि अब यह माना जा रहा है कि सुविधा दी गई होती तो आय के साथ उपभोक्ताओं को सुविधा होती।