जम्मू। प्राचीन दीवान मंदिर को संरक्षित धरोहर घोषित करने के संबंध में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। मंदिर के एग्जीक्यूटिव कमेटी के प्रधान और दो सदस्यों की ओर से पेश की गई इस याचिका पर हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने जम्मू नगर निगम के कमिश्नर व जम्मू के डिप्टी कमिश्नर को मंदिर परिसर में किसी भी किस्म के निर्माण पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
मंदिर कमेटी की ओर से पेश की गई याचिका में याचिकाकर्ताओं ने पुरानी धरोहरों के संरक्षण के लिए बनाए गए एक्ट के तहत दीवान मंदिर को संरक्षित धरोहर घोषित करने की मांग की है। याचिका में मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि मंदिर का निर्माण सन 1897 में दीवान ज्वाला साहिब ने करवाया था, जिसमें लक्ष्मी नारायण नारायण की मूर्ति प्रतिष्ठापित की गई थी। मंदिर के पास काफी संपत्ति है, जिसमें 70 दुकानें भी शामिल हैं। जबकि प्रत्येक दुकान की कीमत मौजूदा समय में पच्चीस लाख से अधिक है। मंदिर में एक बड़ा हॉल भी है, जिसमें प्रतिवर्ष रामलीला का मंचन होता है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मंदिर का अपना इतिहास है। अब इस पर अतिक्त्रमण शुरू हो गया है। मंदिर की जमीन पर जेडीए ने पार्किंग भी बना दी है। मंदिर अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। कई बार नगर निगम के कमिश्नर को मंदिर की सुध लेने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने मंदिर का दौरा तक नहीं किया।