मुंबई।। रिजर्व बैंक रुपए की लाज 60 के लेवल पर भी बचाने को तैयार नहीं है। इससे फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में बुधवार को अफरातफरी मच गई। कई लोगों के लिए 60 का साइकॉलजीकल लेवल काफी अहमियत रखता है। बैंको को लग रहा था कि आरबीआई रुपए को सपोर्ट देगा। हालांकि, ऐसा नहीं होने पर उनमें डॉलर नहीं खरीदने की आपाधापी मच गई।
एक करंसी डीलर ने बताया, ‘आरबीआई सुबह मार्केट में था लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह रुपए को 60 के पार जाने देगा। बैंको ने बाद में लॉस कम करने के लिए पोजिशन कवर की। हालांकि तब तक डॉलर की कॉर्पोरेट डिमांड के चलते रुपए पर प्रेशर काफी बढ़ चुका था। ऑइल कंपनियां और फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स भी जमकर डॉलर खरीद रहे थे। इससे ट्रेडिंग सेशन के दौरान एक समय रुपया 60.76 तक पहुंच गया था। आखिर में डॉलर के मुकाबले इंडियन करंसी 60.73 पर बंद हुई, जो अब तक का सबसे लोअर लेवल है।’
डीसीबी के वाइस प्रेजिडेंट नवीन रघुवंशी ने बताया कि, ‘रुपया वापस 58-59 के लेवल तक आ सकता है। हालांकि यह कहां तक गिरेगा, इस बारे में कहना मुश्किल है। अब तक ऐसा नहीं हुआ था।’ आरबीआई के अगले ऐक्शन के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है। कुछ लोगों का मानना है कि वह बैंकों के लिए करंसी ट्रेडिंग लिमिट तय कर सकता है। आरबीआई पहले भी ऐसा कर चुका है। स्टैनचार्ट बैंक के समीरन चक्रवर्ती ने बताया, ‘बैंकों के लिए ओवरनाइट ओपन पोजिशन लिमिट कम की जा सकती है। इससे रुपए को शॉर्ट टर्म में राहत मिलेगी। हालांकि करंसी पर प्रेशर कम करने के लिए तुरंत पॉलिसी रिफॉर्म की जरूरत है। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले इसके आसार नजर नहीं आ रहे। टेक्निकल 63 के लेवल पर रुपए को रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
कई बैंको को जून क्वॉर्टर में बॉन्ड पर लॉस होने की आशंका है। पहले बॉन्ड मार्केट में जो रैली जारी थी, वह अमेरिकी फेडरल रिजर्व(आरबीआई जैसी संस्था) के चीफ बेन बर्नांकी के 22 मई के बयान से खत्म हो गई। उन्होंने कहा था कि अमेरिका बॉन्ड बायबैक प्रोग्राम को धीरे-धीरे वापस ले सकता है। एक बड़ बॉन्ड हाउस के हेड ने बताया, ‘इन दिनों रुपए में कमजोरी आने से बॉन्ड ट्रेडर्स नर्वस हो जाते हैं। उन्हें डर लगता है कि इसके चलते एफआईआई डेट मार्केट से और पैसा निकालेंगे। बर्नांकी के स्टेटमेंट के बाद एफआईआई 35,000 करोड़ के बॉन्ड बेच चुके हैं। इक्विटी मार्केट में भी उन्होंने जून की शुरुआत से सेलिंग शुरू कर दी थी। वे इस महीने स्टॉक मार्केट में 10,000 करोड़ से ज्यादा की बिकवाली कर चुके हैं।