धर्मपथ-(भोपाल)– आज भाजपा मुख्यालय में राज्यसभा सदस्यों प्रभात झा एवं सत्यनारायण जटिया का स्वागत् कार्यक्रम था,खैर कार्यक्रम तो होते रहते हैं लेकिन प्रभात झा साहब की आदत अनुसार वे इसे चर्चा कारक बना गये.
ख़बरनवीसों को किसी खबर की तलाश रहती है और वह उन्हे प्रभात जी जितनी अच्छी तरह से प्रदान करते हैं वह शायद कोई और नहीं.आज भी वही हुआ,एक तेज तर्रार पत्रकार ने जब साफगोई से पूछ लिया की प्रभात जी बैक डोर से राज्यसभा में प्रवेश लेने पर आपको कैसा लग रहा है तब प्रभात जी फट पड़े और नाराज होकर बोले की तुम लोग आये होगे बैक डोर से मैं नहीं और गुस्से में ना जाने क्या अनाप-शनाप बोल गये.लेकिन हमारे पत्रकार साथियों को भी इसकी आदत पड़ गयी है हाँ वे अपनी कार्ययोजना में सफल रहे.हाँ प्रभात जी एक मार्के की बात कह गये की यह सीट मेरी अपनी मेहनत से आई है (अब मेहनत इतनी हो गयी की तबियत ही खराब हो गयी)
इन दोनों के स्वागत हेतु कोई बड़ा नेता नहीं आया
मुख्यमंत्री सहित कोई नेता इस स्वागत कार्यक्रम में नहीं थे हाँ रघुनंदन शर्मा जी को अवश्य इनका स्वागत करने का जिम्मा दिया गया था जो प्रभात जी के धुर-विरोधी माने जाते हैं लेकिन वे नहीं आये अंततः कार्यालय मंत्री को ही यह बीड़ा उठाना पड़ा.आजकल प्रभात झा की शारीरिक स्थिति वैसे ही ठीक नहीं दिखती उन्हें सहारा देते दिखे मीडिया प्रभारी हितेश बाजपेई जी पहले प्रभात जी ने इन्हे सहारा दिया अब ये डॉक्टर साहब इनकी सेवा मे लगे हैं.
प्रभात जी नमो को जिताने के लिये आह्वान करते दिखे
प्रभात झा जी समय की धार देखते हुए नमो को जिताने के लिये हुंकार भरते दिखे लेकिन यह हुंकार सिर्फ मीडिया के कैमरों के सामने ही दिखती लगी ,इसके पहले और बाद कोई प्रयास नजर आता नहीं महसूस हुआ.भाइयों यह राजनीति है इसीलिये यदि देशभक्ति होती तब क्या ऐइसा होता क्या यहाँ तो सब अपनी २ जुगत में देश और समाज की बात आते ही लाल बत्ती में और बड़े बंगले के बड्डे कमरे मे जा कर सो जाते हैं.