सनातनी पंरपरा का लोकप्रिय त्योहार रक्षाबंधन इस बार भद्रा के फेर में फंस गया है। काशी के पंडितों के अनुसार 20 अगस्त को 10 बजकर 22 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी इसके साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा के कारण रक्षाबंधन समेत अन्य शुभ कार्यों पर भी असर पड़ेगा।
ऐसे में भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए व्रत रहने वाली बहनों को पूर्णिमा के भद्रा मुक्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। 20 तारीख की रात साढ़े आठ बजे भद्रा समाप्त हो जाएगा। इसके बाद बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। लेकिन सूर्योस्त के बाद राखी बांधना भी शास्त्रानुसार उचित नहीं है, ऐसे में बहनों के लिए उलझन है कि वो अपने भैया की कलाई पर राखी कब बांधे।
महावीर पंचांग के संपादक पं. रामेश्वर ओझा के मुताबिक रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है। 21 तारीख की सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए बहनों के लिए उचित होगा कि 21 तारीख की सुबह भद्रा मुक्त समय में भाईयों की कलाई पर राखी बांधे। जो लोग भगवान को राखी बांधते हैं उन्हें 21 तारीख की सुबह 7.25 तक भगवान का पूजन और रक्षासूत्र बांधना होगा।
20 तारीख को 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 28 मिनट भद्रा पुच्छ रहेगा। विशेष परिस्थिति में इस समय राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।