इन दिनों उत्तराखंड में राजजात नंदा देवी की यात्रा की तैयारी चल रही है। इस यात्रा की एक अनोखी बात यह है कि इसमें एक चार सिंगों वाला भेड़ होता है। इस भेड़ के पीठ पर गांव वाले झोली टांग देते हैं जिसमें माता नंदा देवी के लिए आभूषण एवं श्रृंगार सामग्री भरी होती है।
इस भेड़ को यात्रा के दौरान स्वतंत्र रूप से छोड़ दिया जाता है। लोग इसके पीछे चलते हुए नंदा देवी राजजात की यात्रा पूरी करते हैं। मान्यता है कि नंदा देवी पहुंचने के बाद यह भेड़ कहीं गायब हो जाता है। लोग ऐसा मानते हैं कि भेड़ नंदा देवी के पास पहुंच गया है और भक्तों द्वारा भेंट की गई श्रृंगार सामग्री माता तक पहुंच गयी है।
चमत्कारी भेड़ का जन्म
भेंड के आमतौर पर दो सींग होते हैं लेकिन प्रत्येक बारह साल के बाद उत्तराखंड में एक भेंड का जन्म होता है जिसके चार सींग होते हैं। इस भेड़ के जन्म के बाद एक अद्भुत घटना होने लगती है। जिस गोशाला में भेड़ का जन्म होता है वहां एक शेर आने लगता है। जब भेड़ का मालिक कह देता है कि यह भेड़ नंदा देवी के लिए है तब से शेर का आना बंद हो जाता है।