मुरादाबाद-मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ इस समय यात्रा उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है। न्याय यात्रा का आज 42वां दिन है। शनिवार को यात्रा मुरादाबाद से शुरू हुई। खास बात है कि आज राहुल गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी यात्रा में शामिल हुई। इस दौरान यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों लोग यात्रा में शामिल हुए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यात्रा के दौरान भाई राहुल गांधी के साथ खुली जीप में ऊपर बैठी नजर आईं। इस दौरान एक जगह जनता से संवाद करते हुए प्रियंका गांधी ने किसानों, बेरोजगार युवाओं समेत अन्य मुद्दों को उठाया और इन मुद्दों पर सरकार को घेरा। कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘बार-बार केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार आ रही है, आपकी बेरोजगारी बढ़ रही है। दो साल पहले किसान आंदोलन कर रहे थे, आज भी किसान आंदोलन कर रहे हैं। तब भी उनकी सुनवाई नहीं थी आज भी नहीं है।’
प्रियंका गांधी ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब-जब इनका (योगी सरकार) बुलडोजर चलता है तो किसके घरों में चलता है? जिसने 6 किसानों को अपनी जीप के नीचे कुचला क्या उसके घर पर बुलडोजर चला? जिसने महिलाओं के साथ अत्याचार किया उसके घर पर बुलडोजर चला?
पेपर लीक के मुद्दे को भी उन्होंने उठाया। प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को रोकने के लिए हमने घोषणा पत्र में जॉब कैलेंडर और एक कमीशन बनाने की योजना बनाई थी। जिसमें परीक्षाओं और नियुक्तियों की तारीखें पहले से तय रहतीं, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके। आप अपने अनुभव से सीखिए कि पिछले 10 साल में आपको क्या मिला है? अपनी परिस्थितियों को देखें और सोचें कि आखिर मोदी सरकार से आपको क्या मिल रहा है।बदलाव तभी आएगा जब आप अपनी परिस्थितियों को देखकर अपना वोट देंगे।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि देश में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 90% है। इसलिए सबसे बड़ा सवाल है कि-
देश में इनको कितनी भागीदारी मिल रही है? मोदी सरकार पहले लोगों को आपस में लड़ाती है और फिर आपका धन आपसे लूट लेती है। आपका धन लूटकर अडानी को दिया जा रहा है। देखिए BJP सरकार लोगों की जेब कैसे काटती है- पहले नरेंद्र मोदी जी लोगों का ध्यान भटकाते हैं। जब ध्यान भटक जाता है तो फिर पीछे से अडानी लोगों की जेब काट लेते हैं। इस बीच अमित शाह डंडा लेकर घूमते हैं कि कोई कुछ बोल न सके।