भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना आयोग के आंकड़ों के आधार पर गरीबी का पैमाना तय करने को गरीबों का मजाक बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछा है कि क्या वे 33 रुपये में एक वक्त का भोजन कर सकते हैं।
जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान नागदा में चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबी को कम करने के बजाय कागज पर गरीबी घटा रही है। योजना आयोग के ताजा आंकड़े भ्रम पैदा करते हैं जो कि गरीबों के साथ मजाक है। देश में गरीबों की हालत सुधरी नहीं है।
उन्होंने योजना आयोग द्वारा 27 रुपये गांव और 33 रुपये शहर में खर्च करने वाले को गरीब नहीं माने जाने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग करते हुए कहा कि योजना आयोग वास्तविक आधारित आंकड़े प्रस्तुत करे। भारत सरकार और योजना आयोग ने जिस तरह गरीबी की परिभाषा गढ़ी है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। योजना आयोग ने यह आंकड़े बताकर गरीबी का मजाक उड़ाया है।
उन्होंने सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह से पूछा है कि क्या वह 33 रुपये में भोजन कर सकते हैं। भारत सरकार रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा रही है। महंगाई को कम करने में यूपीए सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई है। देश की जनता को केंद्र सरकार ने बाजार के हाथों सौंप दिया है, जो कि पूरी तरह गलत है।
उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 2003 के पहले मध्यप्रदेश की विकास दर ऋणात्मक 4 प्रतिशत थी जो कि आज सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत है। कृषि के क्षेत्र में भी भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 18.51 प्रतिशत कृषि विकास दर अर्जित की है। प्रदेश में सभी गांवों को सड़कों से जोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में हम 14000 मेगावॉट पर पहुंचे हैं जिसे 17000 मेगावॉट तक ले जाने का लक्ष्य है। प्रदेश में हाल में सिंचाई 25 लाख हेक्टेयर है, जिसे हम 40 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाएंगे। फसलों के खेती का वि-विधिकरण करेंगे। लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देंगे, प्रदेश भर में कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है।