नयी दिल्ली -विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपातकालीन यूज लिस्टिंग की तरफ से कोवैक्सीन को अभी मंजूरी नहीं मिली है। जिन देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की छूट दी है, उन्होंने अपनी खुद की रेग्युलेटरी अथॉरिटी या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इमर्जेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) की तरफ से स्वीकृत की गई वैक्सीन को ही मंजूरी दी है। इस सूची में मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्राजेनेका, जॉनसेन (अमेरिका और नीदरलैंड में), सिनोफार्म/BBIP और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की बनी हुई कोविशील्ड भी इस सूची में है, पर कोवैक्सीन नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा गाइडलाइंस डॉक्यूमेंट के अनुसार भारत बायोटेक ने इच्छा जाहिर की है। लेकिन डबल्यूएचओ की तरफ से अधिक जानकारी की ज़रूरत बताई गई है। उनके अनुसार प्री-सबमिशन मीटिंग मई-जून में प्लान की गई है, जिसके बाद फर्म की तरफ से डोजियर सबमिट किया जाएगा। इसकी समीक्षा के बाद WHO की तरफ से वैक्सीन को शामिल करने का फैसला किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कुछ सप्ताह से लेकर महीने तक का समय लग सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार इस बारे में भारत के विदेश सचिव डॉ. हर्षवर्धन श्रृंगला सोमवार को कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे।
गौरतलब है कि अगर कोई वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की EUL की लिस्ट में नहीं है या फिर किसी विदेशी देश की तरफ से अप्रूव नहीं की गई है। ऐसी परिस्थिति में यात्री को नॉन-वैक्सीनेटेड माना जाएगा।