उत्तराखण्ड आपदा में अपने माता-पिता को खो चुकी ग्वालियर की स्नेहलता को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थायी सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। इस बेटी के परिवार में अब दो बहनें ही हैं। उनमें स्नेहलता बड़ी है। स्नेहलता उन लोगों में से है जिन्होंने उत्तराखण्ड आपदा में अपना सब कुछ खो दिया। स्नेहलता की कहानी हृदय विदारक है। उनके माता-पिता केदारनाथ दर्शन के लिये गये थे। बचाव एवं राहत कार्यों के बाद भी जब माता-पिता घर नहीं पहुँचे, ढेरों प्रयासों के बाद कोई खबर नहीं लगी तो बेटी स्नेहलता पिता की खोज में उत्तराखण्ड पहुँच गयी।
अपने माता-पिता को खोजती यह बेटी मध्यप्रदेश बचाव दल को मिली। उसे हरिद्वार के शांति कुंज में स्थापित प्रदेश के राहत शिविर में लाया गया। मुख्यमंत्री के हरिद्वार पहुँचने पर स्नेहलता उनसे मिली। उसकी वेदना से मुख्यमंत्री द्रवित हो गये। उसे धीरज बँधाया। कहा बेटी कभी अपने को अकेला मत समझो। मुख्यमंत्री और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह स्नेहलता को अपने साथ बोइंग विमान से भोपाल ले आये। श्री चौहान ने कहा कि माता-पिता दोनों का जाना बिटिया के जीवन की सबसे त्रासद घटना होती है। इसकी भरपाई नहीं हो सकती लेकिन राज्य सरकार अपने संसाधनों से बिटिया की पूरी मदद करेगी। श्री चौहान ने कहा कि गुमशुदा यात्रियों को खोजने के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा।