अखबार में खबर पढ़ी है कि सपा नेता और उप्र के मंत्री आजम खान मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में पहुंचे तो एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आपको भारत की छबि खराब करने के लिए क्या पाकिस्तान से पैसा मिलता है। इस पर आजम खान ने कहा कि मैं इस बात का खंडन नहीं करुंगा। आजम के इस बयान को विवादित मान लिया गया और यह खबर का हेडिंग बन गया। विदिशा में ही आजम खान ने एक बात और कही कि देश में 90 फीसदी कत्लखाने हिंदू और जैन लोग चला रहे हैं। आजम खान की इस बात को हेडिंग नहीं बनाया गया जबकि उनकी इस बात में दम है।
इधर, जनसत्ता में 4 अक्टूबर को विवेक सक्सेना की रिपोर्ट आजम खान की बात की पुष्टि करती है। रपट में कहा है कि देश के चार शीर्ष मांस निर्यातक हिंदू हैं। अल कबीर एक्सपोर्ट (सतीश और अतुल सभरवाल), अरेबियन एक्सपोर्ट ( सुनील करन) एमकेआर फ्रोजन फूड्स (मदन एबट) पीएमएल इंडस्ट्रीज (एमएस बिंद्रा)। एक और तथ्य यह है कि गुजरात जहां शराब की पाबंदी है, वहां नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से मांस का कारोबार काफी बढ़ा। उनके सत्ता में आने से पहले गुजरात का मांस निर्यात 2001-2 में 10600 टन था जो कि 2010-1 में बढ़कर 22000 टन हो गया।
मोदी ने नेतृत्व वाली राजग सरकार ने मांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बजट नये बूचड़खानों की स्थापना और पुरानों के आधुनिकीकरण के लिए 15 करोड़ रुपए की सबसिडी का प्रावधान किया। 2014-15 के दौरान भारत ने 24 लाख टन मीट का निर्यात किया जो कि दुनिया में निर्यात किए जाने वाले मांस का 58.7 फीसदी हिस्सा है।
यानी की कुल मिलाकर इस रपट को सच माने, तो दुनिया में आधा मीट तो हम ही निर्यात कर रहे हैं और दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक हो गए हैं, वहीं घरेलू मोर्चे पर भाजपा मांस की राजनीति कर रही है। महाराष्ट्र में मीट पर पाबंदी लगाई, कश्मीर में बीफ को बैन किया और बिहार में इसी मुद्दे पर चुनाव जीतना चाहती है। चरखी दादारी में अखलाक की बीफ खाने के नाम पर हत्या और इसके बाद भड़काऊ बयानबाजी कर सारा दोष लालू यादव के माथे रखकर भाजपा येन-केन प्रकारेँण बिहार में अपनी नैय्या पार करना चाह रही है।
एक खबर और आई है अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी विधायक संगीत सोम और दो लोगों ने अलीगढ़ में 2009 में मीट प्रॉसेसिंग यूनिट के लिए जमीन खरीदी थी। संगीत सोम वही विधायक हैं, जो दादरी मामले में गिरफ्तार आरोपियों के परिवार की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने अखलाक के परिवार को गाय काटने वाला करार दिया था।
बीते 28 सितंबर को यूपी के दादरी में बीफ खाने की अफवाह फैलने के बाद मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उनका बेटा दानिश घायल हो गया था। अखबार की रिपोर्ट में बताया है कि मीट फैक्ट्री के लिए जमीन खरीद से जुड़े दस्तावेजों में अल दुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के तीन डायरेक्टरों में संगीत सोम भी हैं। बाकी दो के नाम मोइनुद्दीन कुरैशी और योगेश रावत हैं।
अखबार से बातचीत में सोम ने कबूल किया कि कुछ साल पहले उन्होंने जमीन खरीदी थी, लेकिन इस बात की जानकारी नहीं थी कि उन्हें कंपनी का डायरेक्टर बना दिया गया। मीट प्रोडक्शन यूनिट की वेबसाइट के मुताबिक, यह हलाल मीट प्रोडक्शन की लीडिंग यूनिट है, जो भैंसे, भेड़ और बकरे का मीट प्रोड्यूस करती है।
सोम ने कहा, ”मैंने जमीन खरीदी थी, जो कुछ महीने बाद अल दुआ फूड प्रॉसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी गई। सोम ने दावा किया कि वे ऐसा कोई काम नहीं कर सकते, जो उनके धर्म के खिलाफ हो।
ibn7 से साभार