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 महापुरुषों की वाणियों को आत्मसात करने पर ही उनका दर्शन पूर्ण होता है | dharmpath.com

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महापुरुषों की वाणियों को आत्मसात करने पर ही उनका दर्शन पूर्ण होता है

August 12, 2019 7:05 pm by: Category: धर्म-अध्यात्म Comments Off on महापुरुषों की वाणियों को आत्मसात करने पर ही उनका दर्शन पूर्ण होता है A+ / A-

66819569_10157119254840240_4094738377381773312_nवाराणसी-पड़ाव स्थित अघोर पीठ श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम में गुरुपूर्णिमा महोत्सव के आखिरी दिन महिला एवं युवा गोष्ठी के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर शिष्यों को आशीर्वचन देते हुए परमपूज्य गुरुपद संभव राम जी ने बताया कि दर्शन पूर्ण तब होता है जब आप दर्शन को हृदयंगम कर लें। महापुरुषों का दर्शन पूर्ण तभी होता है जब हम उनकी वाणियों को आत्मसात करते है ।

पूज्यपाद गुरुपद बाबा जी ने कहा कि कई लोग घूमने जाते हैं, वहां पर हम देखने जाते हैं कि किस तरह वहां पर जीवन यापन होता है। फिर हम उनसे मिलान करते हैं, और वहाँ से सीख कर आकर अपने लोगों को बताते हैं। जब बच्चे अनुशासित रहते हैं तब उनमें सौम्यता नजर आती है । आदमी समाज के सामने क्या दिखाता है, और घर में क्या है, हमारे संस्कारों को इसी से हनन हो रहा है।

गुरुपद बाबा जी ने कहा कि, सैनिक औऱ अर्धसैनिक बल के लोगअपने परिवारों को छोड़ कर जान न्यौछावर करते हैं हमारी सुरक्षा के लिए| आज हम इस समय में हैं कि लोग उनके परिवारों को भी मदद नहीं करते हैं। ना जाने हमारी सोच को क्या हो गया है। हम बहुत बढ़चढ़ कर बोलते तो हैं लेकिन करते कुछ नहीं है।

नौजवान मानसिक रूप से विकृत होते जा रहे हैं। कुछ नए नौजवान मानसिक रूप से दबाव में हैं। जो हम देखते हैं, सुनते हैं उसी से विचार बनने लगते हैं। एक झूठ को सौ बार बोलने से झूठ भी सच लगने लगता है। औऱ सच को कई बार झुठलाने से सच भी झूठ लगने लगता है।

अग्रेजी भाषा की तरफ ज्यादा आकर्षित होने के बजाय अगर हम अपनी भाषा पर ध्यान दें तो ज्यादा बेहतर है। संस्कृत भाषा अब कंप्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त भाषा है ऐसा खोजा गया है। विदेशों में संस्कृत को पढ़ा जा रहा है और हम हैं कि अंग्रेजी के पीछे भाग रहे हैं और आने वाले समय में हम ध्यान रखें कि कहीं पिछड़ ना जाएं।

हमें अपनी सब चीजों पर जो महापुरुषों द्वारा कहीं गई हैं और जैसा जीवन जीने के लिए कहा गया है, और जो रास्ता जीने के लिए बाताया गया है, उस पर चलें।

इससे पहले बुधवार सुबह सफल योनि के सामूहिक पाठ के साथ श्री सर्वेश्वरी समह के अखिल भारतीय 58वां वार्षिक महाधिवेशन से गुरुपूर्णिमा महोत्सव के आखिरी दिन की शुरूआत हुई। इसके बाद देश भर के कोने कोने से आए समूह की शाखाओं के पदाधिकारियों ने अपनी शाखाओं द्वारा किए गए कार्यों के बारे जानकारी दी औऱ साथ ही आने वाले वर्ष में किए जाने वाले कार्यों के बारे में समूह को अवगत कराया।

महापुरुषों की वाणियों को आत्मसात करने पर ही उनका दर्शन पूर्ण होता है Reviewed by on . वाराणसी-पड़ाव स्थित अघोर पीठ श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम में गुरुपूर्णिमा महोत्सव के आखिरी दिन महिला एवं युवा गोष् वाराणसी-पड़ाव स्थित अघोर पीठ श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम में गुरुपूर्णिमा महोत्सव के आखिरी दिन महिला एवं युवा गोष् Rating: 0
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