पिछले एक दशक में पाकिस्तान में किन्नरों के अधिकारों के लिए बहुत कुछ हुआ है. अब जल्द ही उनकी पुलिस में भी भर्ती शुरू होने जा रही है.
भारत की तरह बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी किन्नर ट्रैफिक लाइट के आसपास नाचते हुए दिखाई देते हैं. कहीं शादी हुई या किसी के घर में बच्चा हुआ तो उन्हें नाचने और दुआएं देने के लिए बुला लिया जाता है. इसके अलावा अधिकतर ये लोग अपना जिस्म बेचने पर मजबूर होते हैं. लेकिन पाकिस्तान अब इसे बदलने की कोशिश कर रहा है. ट्रांसजेंडर लोगों को अब वहां मेनस्ट्रीम में लाने की कोशिश की जा रही है.
सिंध प्रांत के इंस्पेक्टर जनरल सैयद कलीम इमाम ने दावा किया है कि जल्द ही सिंध पुलिस में किन्नरों की भर्ती शुरू की जाएगी. कराची में समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, “इन पर अल्लाह की मेहर है. ये हमारे ही जैसे नागरिक हैं. हमें इनके साथ खड़ा होना चाहिए.” इमाम ने बताया कि वे एक जूनियर अफसर थे जब उनका ध्यान किन्नरों के साथ भेदभाव की ओर गया. अब वे इसे बदलना चाहते हैं.
2017 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान में 10,418 किन्नर रहते हैं. जबकि किन्नरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन चैरिटी ट्रांस ऐक्शन पाकिस्तान के अनुसार देश में कम से कम पांच लाख किन्नर मौजूद हैं.
2009 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा था कि किन्नरों को “थर्ड सेक्स” के रूप में पहचान पत्र दिए जाएं. फिर 2017 में पहली बार देश के पासपोर्ट में “ट्रांसजेंडर” श्रेणी को जोड़ा गया. हालांकि देश में कुछ ट्रांसजेंडर फैशन और मीडिया की दुनिया में सिलेब्रिटी बन गए हैं लेकिन आम जिंदगी में नौकरियां मिलना अब भी इनके लिए मुश्किल होता है. ऐसे में पुलिस में किन्नरों की भर्ती को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.