लखनऊ/प्रयाग, 14 जनवरी– प्रयागराज में कुंभ के प्रमुख स्नान के दौरान अक्षयवट के दर्शन नहीं हो सकेंगे। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कुंभ मेला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
एडीएम कुंभ दिलीप कुमार त्रिगुनायत की मानें तो इन पर्वो पर भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान है। इसलिए पर्वो पर अक्षयवट का दर्शन नहीं हो सकेगा।
उन्होंने यह भी बताया, “प्राचीन किले की प्राचीर के पास ही नया रास्ता बनाया गया है, जहां अधिक भीड़ को लेकर एमएनएनआइटी की रिपोर्ट ने अगाह किया है। इसीलिए यह निर्णय लिया गया है। किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन के लिए भारी तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इसे लेकर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम भी किए हैं। पुलिस, प्रशासन और सेना के नोडल अफसरों की तैनाती की गई है। एएसपी फोर्ट व एसडीएम अक्षयवट का अलग पद सृजित कर दिया गया है। इसके अलावा सेना, अर्ध सैनिक व पुलिस भी मुस्तैद की गई है। प्रवेश गेट पर ही स्कैन मशीन भी लगाई गई है।”
कुंभ में छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे। 15 जनवरी को मकर संक्राति, शाही स्नान, 21 जनवरी को पौष पूर्णिमा, चार फरवरी को मौनी अमावस्या, शाही स्नान, 10 फरवरी को बसंत पंचमी, शाही स्नान, 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा तथा चार मार्च को महाशिवरात्रि है।
गौरतलब है प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में यमुना नदी पर स्थित मुगलकालीन किले में 450 वर्ष से बंद अक्षयवट और सरस्वती कूप को आम जनता के लिए खोल दिया। आम श्रद्धालुओं का भी किले में प्रवेश होना शुरू हो गया।