उज्जैन. शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी घाट पर जुटे हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए तरस गए। यहां शिप्रा सूखी थी। प्रशासन ने फव्वारों से स्नान का इंतजाम किया था लेकिन ऐनवक्त पर ज्यादातर फव्वारे बंद हो गए। श्रद्धालुओं ने कीचड़ से सने पानी के शरीर पर छींटे डालकर अमावस स्नान की औपचारिकता पूरी की। श्रद्धालुओं की ऐसी फजीहत के पीछे जिम्मेदारों की दो नाकामी सामने आई है। वहीं दूसरी ओर मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए है।
सांसद चिंतामणि मालवीय का कहना है कि त्रिवेणी पर शिप्रा पूरी तरह सूखी है। नर्मदा का पानी नहीं आया। श्रद्धालुओं को गंदे पानी से स्नान कराया। प्रशासन ने यात्रियों की उपेक्षा की तथा सरकार के नुमाइंदों ने स्नान पर्व की चिंता नहीं ली। मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि उज्जैन में होने वाले स्नान पर्वों की चिंता लें।