भोपाल, 23 अगस्त । मध्य प्रदेश में सूचना आयुक्त ने एक नई पहल की है। पक्षकारों को अब सूचना आयुक्त के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी, उनकी अपीलों की सुनवाई फोन पर ही हो सकेगी। देश में इस तरह का यह प्राय: पहला प्रयोग है।
राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने गुरुवार को बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मप्र के 11 जिलों के 120 पक्षकारों को इस बारे में सहमति के लिए पत्र जारी किए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पहले चरण में राज्य सूचना आयोग में की गई 40 अपीलों को दूरभाष पर सुनवाई कर निराकरण करने का प्रस्ताव है। यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि अपील करने वालों, लोक सूचना अािकारियों व अपीलीय अधिकारियों को सुनवाई के लिए भोपाल आना-जाना न पड़े और सबका मूल्यवान समय, श्रम व व्यय की बचत हो सके।
उन्होंने आगे बताया कि फोन पर सुनवाई करने से सभी पक्षकारों को प्रतिकूल मौसम व यात्रा के दौरान होने वाली परेशानी से तो निजात मिलेगी ही, अपील करने वालों का कामकाज और लोक सूचना अधिकारियों व अपीलीय अधिकारियों का कार्यालयीन कार्य भी प्रभावित नहीं होगा और सार्वजनिक संसाधन की भी बचत हो सकेगी। इससे अपील करने वालों का खर्च बचने के साथ शासकीय व्यय में भी कमी आएगी। सभी पक्षकार अपने अपने स्थान पर रहते हुए ही आयोग के समक्ष अपना पक्ष पेश कर सकेंगे।
आयुक्त के अनुसार, कई सरकारी दफ्तरों में स्टाफ की कमी के कारण मौजूदा स्टाफ पर कार्यभार अधिक है। ऐसी स्थिति में सूचना के अधिकार के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के आयोग में सुनवाई के लिए भोपाल आने-जाने से जनता से जुड़े कार्य प्रभावित होते हैं। इसके अलावा जानकारी मांगने वाले नागरिकों को अगर समय पर जानकारी नहीं दी जाती है तो उन्हें अपना कोई कसूर न होने पर भी प्रथम व द्वितीय अपील करने पर पैसा व वक्त खर्च करना पड़ता है। फोन पर सुनवाई करने से इस सबसे निजात मिलेगी। पक्षकारों को राहत देने के लिए आयुक्त आत्मदीप द्वारा वीडियो कान्फ्रें सिग के माध्यम से भी सुनवाई कर अपीलों का निराकरण किया जा रहा है।